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नरसिंह भगवान के नाम पर बसा है नरसिंहपुर, मंदिर हो रहा जर्जर  

जिनके नाम पर बसा शहर उन्हीं के मंदिर को मदद की दरकार नहीं हो रहा रखरखाव, कई जगह से हुआ क्षतिग्रस्त

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Ajay Khare

Dec 16, 2016

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अजय खरे@नरसिंहपुर।भगवान के जिस अवतार के नाम पर यह शहर बसा आज उन्हीं का मंदिर उपेक्षा का शिकार है। रखरखाव न होने से मंदिर लगातार क्षतिग्रस्त होता जा रहा है, इसके कई हिस्से जमींदोज हो चुके हैं तो कुछ गिरने की कगार पर हैं।फिलहाल जिला प्रशासन के अधीन इस मंदिर की वित्तीय स्थिति यह है इसके खजाने में एक पैसा भी नहीं बचा और चार माह से बिजली का बिल जमा नहीं होने से कनेक्शन कटने की नौबत आ गई है।

जीर्ण शीर्ण हो रहा मंदिर
जानकारी के अनुसार मंदिर का ट्रस्ट दो साल पहले भंग हो गया था। जिसके बाद से यह जिला प्रशासन के अधीन है। मंदिर के रखरखाव व अन्य खर्चों के लिए रुपयों का इंतजाम मंदिर की 7 एकड़ जमीन से होता था पर दो साल से जमीन की नीलामी न होने से मंदिर की व्यवस्थाएं ठप हो गई हैं।रख रखाव और मरम्मत न होने से इसके कई हिस्सों में दरारें आ गई हैं। बाहर और अंदर कई जगहों से मंदिर क्षतिग्रस्त हो चुका है।तालाब की ओर मंदिर के कई हिस्से और घाट टूट चुके हैं और जो बचे हैं वे भी किसी भी दिन तालाब में गिर सकते हैं।

4 माह से जमा नहीं हुआ बिजली बिल
मंदिर के पास पैसा न होने से चार माह से इसका बिजली बिल जमा नहीं हो सका है।बिजली बिल की राशि पैनल्टी सहित बढ़ती जा रही है।प्रशासन को भी इसकी जानकारी दी जा चुकी है पर अभी तक कोई वित्तीय मदद उपलब्ध नहीं कराई गई है।

600 साल पुराना है मंदिर
मंदिर के पुजारी प्रमोद कुमार सोनकिया के बताए अनुसार मंदिर करीब 600 साल पुराना है। जाट राजा नाथन सिंह ने इसका निर्माण कराया था। नाथन सिंह यूपी के बुलंदशहर से यहां आए थे। उस समय यहां जंगल ज्यादा था और मानिकपुर से लेकर नागपुर तक पिंडारियों का आतंक था।नागपुर के राजा ने पिंडारियों के सरदार को पकड़ कर उनके हवाले करने के लिए भारी इनाम की घोषणा की थी। शरीर से बलिष्ठ और योद्धा नाथन सिंह ने पिंडारियों के सरदार को बंदी बनाकर राजा के सामने पेश किया जिस पर उन्होंने नाथन सिंह को 200 घुड़सवार और 80 गांव इनाम में दिए थे। जिसके बाद उन्होंने अपने इष्ट नृसिंह देव का मंदिर बनवाया और उन्हीं के नाम पर नरसिंहपुर बसाया।बताया गया है कि जिस जगह पर मंदिर बना है वहां पहले एक संत अपनी कुटी बना कर रहते थे।

14.5 एकड़ का तालाब बना कचराघर
मंदिर के पीछे इसका 14.5 एकड़ का तालाब है जो उपेक्षा के चलते कचराघर में तब्दील हो गया है। इसकी पार पर बने कई मकानों का गंदा पानी इसी तालाब में छोड़ा जा रहा है। दूसरी ओर बड़ी मात्रा में कचरा भी इसमें डाला जा रहा है। विकास कार्य के नाम पर एक ओर कुछ सीढिय़ां जरूर बनाई गई हैं।

मंदिर परिसर का फर्श उखड़ा
नरसिंहपुर की पहचान और यहां की ऐतिहासिक,धार्मिक विरासत का गौरव प्राप्त इस मंदिर का परिसर भी खस्ताहाल है इसका फर्श उखडऩे और छोटे-छोटे गड्ढे होने से श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

इनका कहना है
मंदिर की कृषि भूमि पर एक व्यक्ति द्वारा अतिक्रमण कर उसका उपयोग करने की शिकायत मिली थी जो जांच में सही पाई गई। आरोपी से मंदिर की कृषि भूमि से होनी वाली आय की वसूली की जाएगी और उस राशि का मंदिर के लिए उपयोग हो सकेगा।
मर्यादा बागड़े नायब तहसीलदार

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