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कोई बूूथ बदलने से तो कोई सूची में नाम नहीं दिखने से परेशान…

अमला भी मान रहा है कि जैसे-जैसे मैपिंग का कार्य तेज होगा तो सर्वर पर कार्य करने में मुश्किलें आ सकती हैं, क्योंकि सर्वर पर लोड अधिक रहेगा। गणना पत्रक की उपलब्धता के अनुसार वितरण का प्रतिशत अधिकांश क्षेत्रों में संतोषजनक है, लेकिन गोटेगांव और नरसिंहपुर में अनुपलब्ध फॉर्मों के कुछ मामले सामने आए हैं। ईएफ़ वितरण और डिजिटाइजेशन के आंकड़ों से स्पष्ट है कि बीएलओ स्तर पर कार्य तेज गति से चल रहा है। अधिकांश बीएलओ प्रशिक्षित होने के कारण फील्ड सर्वे में निरंतरता बनी हुई है। जिले में अब तक लगभग 97 प्रतिशत से अधिक ईएफ़ का वितरण पूर्ण, जबकि डिजिटाइजेशन चरण धीरे गति पकड़ रहा है।

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नरसिंहपुर. जिले में चल रही एसआइआर की प्रक्रिया में केवल कर्मचारी ही नहीं बल्कि आममतदाता भी तरह-तरह की समस्याओं से परेशान हो रहे हैं। प्रक्रिया में खासकर ऐसे लोगों के सामने परेशानी ज्यादा है जो नवंबर २००२ से फरवरी २००३ के बीच अपने स्थायी ठिकाने पर नहीं रहे और उनका नाम मतदाता सूचियों में इधर-उधर हो गया। ऐसी ही समस्या से ६२ वर्षीय वृद्ध नर्मदा प्रसाद परेशान रहे। वृद्ध शहर के पटेल वार्ड निवासी हैं लेकिन २००३ की सूची में उनका नाम नहीं मिल रहा था, कलेक्ट्रेट गए तो वहां से पता चला कि उनका नाम कुम्हड़ी की सूची में था, क्योंकि वह जब अंतिम एसआईआर की प्रक्रिया हुई थी तो वह अपनी ससुराल में थे। खैरीकला में रहने वाले बरातीलाल ५० वर्ष तो कोटवार को यह भी नहीं बता पा रहे हैं कि २००३ की सूची में उनका नाम कहां था, जिससे अमले को भी समझ नहीं आ रहा है कि कैंसे मैपिंग होगी।
जिले में एसआइआर की प्रक्रिया पहले ही गणना पत्रकों की कमी से प्रभावित हो चुकी है, लेकिन गणना पत्रक सभी विधानसभाओं में पर्याप्त पहुंचने के बाद भी प्रक्रिया में आगे कार्य तरह-तरह की समस्याएं सामने ला रहा है। जिसमें सर्वर की समस्या भी एक प्रमुख समस्या बन रही है। हालांकि अमला स्पष्ट तौर पर अपनी इस परेशानी को नहीं बता पा रहा है, क्योंकि कई जगह गणना पत्रकों का वितरण ही देर से हुआ है। जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों में 869587 कुल मतदाताओं में से 841915 ईएफ़ अब तक वितरित किए जा चुके हैं। वहीं कुल 14155 फॉर्म का डिजिटाइजेशन किया जा चुका है। अमला भी मान रहा है कि जैसे-जैसे मैपिंग का कार्य तेज होगा तो सर्वर पर कार्य करने में मुश्किलें आ सकती हैं, क्योंकि सर्वर पर लोड अधिक रहेगा। गणना पत्रक की उपलब्धता के अनुसार वितरण का प्रतिशत अधिकांश क्षेत्रों में संतोषजनक है, लेकिन गोटेगांव और नरसिंहपुर में अनुपलब्ध फॉर्मों के कुछ मामले सामने आए हैं। ईएफ़ वितरण और डिजिटाइजेशन के आंकड़ों से स्पष्ट है कि बीएलओ स्तर पर कार्य तेज गति से चल रहा है। अधिकांश बीएलओ प्रशिक्षित होने के कारण फील्ड सर्वे में निरंतरता बनी हुई है। जिले में अब तक लगभग 97 प्रतिशत से अधिक ईएफ़ का वितरण पूर्ण, जबकि डिजिटाइजेशन चरण धीरे गति पकड़ रहा है।

यह सामने आ रहीं चुनौतियां

कुछ क्षेत्रों में मृतक और स्थानांतरित मतदाताओं के कारण फॉर्म वापस नहीं मिल सके। तेंदूखेड़ा और गाडरवारा में डिजिटाइजेशन का प्रतिशत अपेक्षाकृत अधिक है, जबकि गोटेगांव में यह आंकड़ा कम है। फील्ड स्तर पर अनुपस्थित या अनट्रेसेबल मतदाताओं के कारण सत्यापन प्रक्रिया प्रभावित होती है। निर्वाचन अमले का फोकस अनकलेक्टेबल मिल रहे फॉर्मों के डेटा को व्यवस्थित तरीके से एसआइआर रिकॉर्ड में शामिल करने पर है, ताकि अंतिम मतदाता सूची सटीक तैयार हो सके।

जिले में विधानसभावार यह एसआइआर की प्रगति
गोटेगांव
कुल बीएलओ-258
कुल मतदाता- 2,21,019
प्रिंटेड ईएफ़- 2,21,019
वितरित ईएफ़-2,19,177
डिजिटाइज्ड ईएफ़- 2,065
अनकलेक्टेबल फ़ॉर्म-
मृतक-34
अनुपस्थित-अनट्रेसेबल-०७
स्थायी स्थानांतरित- 26
पहले से नाम दर्ज-० 1
गाडरवारा
कुल बीएलओ-231
कुल मतदाता-2,18,644
प्रिंटेड ईएफ़-2,18,644
वितरित ईएफ़-2,14,156
डिजिटाइज्ड ईएफ़- 5,546
मृतक- 15
स्थायी स्थानांतरित-०६
पहले से नाम दर्ज- ०1
नरसिंहपुर
कुल बीएलओ- 262
कुल मतदाता- 2,36,932
प्रिंटेड ईएफ़-2,36,932
वितरित ईएफ़- 2,26,735
डिजिटाइज्ड ईएफ़- 2,823
मृतक- 23
स्थायी स्थानांतरित-०7
तेंदूखेड़ा
कुल बीएलओ- 226
कुल मतदाता- 1,92,992
प्रिंटेड ईएफ़-1,92,992
वितरित ईएफ़-1,81,847
डिजिटाइज्ड ईएफ़- 3,721
मृतक- 5
अनुपस्थित-अनट्रेसेबल-०1
स्थायी स्थानांतरित- 11
पहले से नाम दर्ज- ०1