गांधी चौक के पास स्थित लाल महल कभी राजसी वैभव का प्रतीक हुआ करता था अब यह अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। इस महल का निर्माण राजा रायबहादुर ने कराया था
नरसिंहपुर. गांधी चौक के पास स्थित लाल महल कभी राजसी वैभव का प्रतीक हुआ करता था अब यह अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। इस महल का निर्माण राजा रायबहादुर ने कराया था। खंडहर में तब्दील हो रहा यह राजप्रासाद पुराने दिनों की याद जरूर कराता है पर अब यह जमींदोज होने की हालत में है। इसके खंडहर बताते हैं कि यह इमारत कभी शक्ति और सत्ता के पैमाने पर काफी बुलंद थी। राज्य के लिए कायदे कानून यहां से चलाए जाते थे। इसके मुख्य प्रवेश द्वार पर लगे एक शिलालेख में राजाबहादुर भानुप्रताप तालुकेदार इमझिरा का बाउमर ग्यारह साल मारफत कोर्ट ऑफ वार्ड जिला नरसिंहपुर संवत १९४२ व अन्य कुछ जानकारी लिखी मिलती है जो ठीक से पढऩे में नहीं आती। इस ऐतिहासिक धरोहर के बारे में स्थानीय जानकार बताते हैं कि कुछ साल पहले इसमें स्कूल लगाया जाता था, इसके कई दावेदार सामने आए, जिसके चलते लाल महल कानूनी दांव पेंच में फंस गया और फिर स्कूल भी बंद हो गया।