भविष्य की आवश्यकता के अनुरूप बनाया गया है हेलीकॉप्टर
जानकारी के मुताबिक इनमें सेना को 90 और वायुसेना को 50 हेलीकॉप्टर मिल सकते हैं। यह हेलीकॉप्टर एचएएल के हैं। इन्हें सेना की मौजूदा व भविष्य की आवश्यकता अनुरूप विकसित किया गया है। यह हेलीकॉप्टर रेगिस्तान, सियाचिन और लद्दाख समेत सभी स्थानों के लिए सक्षम है।
आत्मनिर्भर भारत के तहत हो रही डील
रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने लगभग 45,000 करोड़ रुपये के नौ पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) प्रदान की है। इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 15 सितंबर, 2023 को डीएसी की बैठक हुई थी। ये सभी खरीद भारतीय विक्रेताओं से (भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन विकसित और निर्मित-आईडीएमएम) की जाएंगी, जिससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भारतीय रक्षा उद्योग को पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा।
अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण जहाजों की खरीद को मंजूरी दे चुकी है डीएसी
गौरतलब है कि सितंबर महीने के दौरान रक्षा मंत्रालय की डीएसी ने हल्के बख्तरबंद बहुउद्देश्यीय वाहनों (एलएएमवी) और एकीकृत निगरानी और लक्ष्यीकरण प्रणाली (आईएसएटी-एस) की खरीद के लिए एओएन को मंजूरी दी थी। डीएसी ने आर्टिलरी गन और रडार की तेजी से तैनाती और तैनाती के लिए हाई मोबिलिटी व्हीकल (एचएमवी) गन टोइंग वाहनों की खरीद के लिए भी एओएन को मंजूरी दी थी। डीएसी ने भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण जहाजों की खरीद को भी मंजूरी दी, जिससे हाइड्रोग्राफिक संचालन करने में इसकी क्षमताओं में काफी वृद्धि होगी।