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चार महीने तक नहीं मिला वेतन, खाने के भी लाले थे, विदेश में फंसे भारत के 17 मजदूर सुरक्षित घर लौटे

Indian workers rescued from Cameroon: झारखंड के 17 मजदूर कैमरून में फंस गए थे। विदेश मंत्रालय की मदद से सभी मजदूर सुरक्षित भारत लौट आए।

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भारत

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MI Zahir

Aug 25, 2025

Indian workers rescued from Cameroon

विदेश में फंसे भारत के रांची के 17 मजदूर सुरक्षित घर लौटे। ( फोटो: X Handle IANS.)

Indian workers rescued from Cameroon: अफ्रीकी देश कैमरून में कई महीनों से फंसे हुए झारखंड के 17 मजदूर आखिरकार सोमवार को सुरक्षित अपने घर (Indian workers rescued from Cameroon) लौट आए। भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) की मदद से ऐसा हो सका। ये मजदूर बोकारो और हजारीबाग जिलों के निवासी हैं और एक निजी एजेंसी के जरिए काम के लिए कैमरून गए थे। जानकारी के अनुसार बोकारो और हजारीबाग के कुल 19 मजदूरों का एक निजी एजेंसी ने चयन किया(MEA intervention India) था, जो उन्हें कैमरून में ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड (Transrail Lighting Limited) नामक कंपनी में बिजली परियोजना के तहत काम पर भेज रही थी। शुरुआत में मजदूरों को बेहतर वेतन और सुविधाएं देने का वादा किया गया, लेकिन कैमरून पहुंचने के बाद हकीकत कुछ और ही निकली। इन मजदूरों ने आरोप लगाया कि कंपनी ने चार महीने तक उनका वेतन नहीं दिया। उनके पास खाने और जरूरी सामान खरीदने तक के पैसे नहीं बचे थे। धीरे-धीरे हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें सोशल मीडिया के जरिये मदद की गुहार लगानी पड़ी। उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर केंद्र सरकार और झारखंड सरकार (Jharkhand migrant workers abroad) से मदद की अपील की।

झारखंड सरकार और विदेश मंत्रालय की संयुक्त पहल

मजदूरों की हालत की जानकारी मिलने के बाद झारखंड श्रम विभाग ने फौरन कार्रवाई की। विभाग ने विदेश मंत्रालय से संपर्क कर मामले की गंभीरता बताई और जल्दी सहायता मांगी।

संयुक्त आपरेशन से मिलीं खुशियां

इसके बाद भारतीय दूतावास, कैमरून और विदेश मंत्रालय ने संयुक्त रूप से रैस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। न सिर्फ मजदूरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई, बल्कि कंपनी से उनका बकाया वेतन भी दिलवाया गया।

17 मजदूर लौटे, 2 जल्द पहुंचेंगे

सोमवार को 17 मजदूर भारत लौट आए और अपने-अपने घर भी सुरक्षित पहुंच गए। बाकी दो मजदूर – फूलचंद मुर्मू (हजारीबाग) और बबलू सोरेन (बोकारो) – मंगलवार को लौटने वाले हैं।

विदेश में शोषण की बढ़ती घटनाएं

यह कोई पहली घटना नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि झारखंड समेत कई राज्यों के मजदूरों को विदेश में अच्छे वेतन का लालच देकर भेजा जाता है, लेकिन वहां पहुंचने के बाद उन्हें शोषण का शिकार बनना पड़ता है।

पूरी जानकारी ले कर ही विदेश जाएं

इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए जरूरी है कि निजी भर्ती एजेंसियों पर सख्ती बरती जाए और श्रमिकों को विदेश जाने से पहले उनके अधिकारों और संभावित जोखिमों की पूरी जानकारी दी जाए।

जरूरी है जागरूकता और निगरानी

बहरहाल इस घटना से यह बात साफ है कि मजदूरों की सुरक्षा के लिए सिर्फ सरकारी हस्तक्षेप ही काफी नहीं, बल्कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए बेहतर निगरानी और जनजागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।