रेलवे की ओर से नहीं दी जा रही पूरी जानकारी
रेलवे प्रशासन ने अभी तक स्पष्ट जानकारी नहीं दी है कि इस हादसे की जिम्मेदारी किसकी है। घटना की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है। बताया जा रहा है कि प्रयागराज जाने वाली दो ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था, जिससे स्टेशन पर भीड़ अचानक बढ़ गई। हालांकि, रेलवे ने इस दावे को नकारते हुए कहा है कि उन्होंने चार स्पेशल ट्रेनें चलाई थीं।
इतनी बड़ी भीड़ पहले कभी नहीं देखी: प्रत्यक्षदर्शी
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा है कि भीड़ हद से ज़्यादा थी, लोग (फुटओवर) ब्रिज पर जमा थे। इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। मैंने रेलवे स्टेशन पर इतनी बड़ी भीड़ पहले कभी नहीं देखी, त्योहारों के दौरान भी नहीं। प्रशासन के लोग और NDRF के जवान भी वहां मौजूद थे, लेकिन जब भीड़ हद से ज़्यादा हो गई, तो उन्हें नियंत्रित करना संभव नहीं था।
प्रत्यक्षदर्शियों का बयान
घटना के प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि भगदड़ रात 9:30 बजे के आसपास हुई। प्लेटफॉर्म नंबर 13 पर खड़े यात्री जब प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर ट्रेन के आने की सूचना मिली, तो वे जल्दबाजी में उधर दौड़ पड़े। इस दौरान कोई प्लेटफॉर्म चेंज का आधिकारिक अनाउंसमेंट नहीं हुआ था, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
पीड़ितों के परिवार का दर्द
एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती संजय, जिनकी बहन भगदड़ में जान गंवा चुकी है, ने बताया कि उनका परिवार प्रयागराज महाकुंभ जाने के लिए स्टेशन पर आया था। “हम प्लेटफॉर्म तक नहीं पहुंचे थे, बल्कि सीढ़ियों पर ही थे। अचानक भीड़ बढ़ गई और मेरी बहन उसमें फंस गई। हमने उसे आधे घंटे बाद खोजा, लेकिन तब तक वह दम तोड़ चुकी थी,” संजय ने दुखी स्वर में कहा। प्रशासन की देरी पर सवाल
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भगदड़ के बाद प्रशासन की ओर से तत्काल कोई सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई। लगभग डेढ़ घंटे तक स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल था और राहत कार्य देरी से शुरू हुआ।
उपराज्यपाल ने जताया दुख, जांच के आदेश
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस दुखद घटना पर संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने मुख्य सचिव और दिल्ली पुलिस आयुक्त को स्थिति को नियंत्रित करने और इसकी विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। पीड़ितों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।” उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया कि वह स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन
सरकार और रेलवे प्रशासन ने इस घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। समिति भगदड़ के कारणों का पता लगाएगी और इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए सिफारिशें देगी। यह हादसा रेलवे और प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, जिससे हजारों यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।