31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ISRO का 2023 में दुनिया ने माना लोहा, चंद्रयान-3 की सफल लैंडिग से लेकर आदित्‍य एल-1 की लॉन्चिंग तक और क्या-क्या रही उपलब्धियां

ISRO achievements in 2023: साल 2023 अंतरिक्ष की दुनिया में भारत को ऐसी कई उपलब्धियां देकर गया है, जिसने दुनिया को भारत का लोहा मानने पर मजबूर कर दिया।

3 min read
Google source verification
  2023 was very wonderful for isro and indian scientists with successful missions like chandrayaan 3 Aditya-L1 see-achievement


साल 2023 अब अपने आखिरी हफ्ते में पहुंच चुका है। कुछ ही दिनों में हम सभी साल 2024 का स्वागत करेंगे। लेकिन हर साल कोई न कोई याद अपने साथ छोड़ ही जाता है। लेकिन साल 2023 भारतीय वैज्ञानिक कभी नहीं भूलेंगे। इसके पीछे कारण है इस साल (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ISRO को मिली सफलताएं। साल 2023 अंतरिक्ष की दुनिया में भारत को ऐसी कई उपलब्धियां देकर गया है, जिसने दुनिया को भारत का लोहा मानने पर मजबूर कर दिया और ये संदेश दिया है कि 'हम किसी से कम नहीं'। ऐसे में आइए जानते है 2023 में (ISRO) की इन उपलब्धियों पर जिन को जानकर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा।

चंद्रयान-3

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के द्वारा 14 जुलाई को लॉन्च चंद्रयान-3 ने जैसे ही चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की भारत उन 4 देशों के ग्रुप में शामिल हो गया, जिसमें भारत से पहले अमेरिका, चीन और रूस ही शामिल थे। वहीं, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला भारत पहला देश बन गया। बता दें कि चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च हुआ था।

इसके बाद चंद्रयान-3 ने अपनी यात्रा में 42 दिन का समय लगाया। इस यान के लैंडर मॉड्यूल विक्रम ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास की सतह पर 23 अगस्त 2023 को भारतीय समय अनुसार सायं 06 बजकर 04 मिनट के आसपास सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की।

आदित्य-एल1

चांद पर मिली सफलता के बाद भारत के वैज्ञानिकों ने देश का सिर एक बार फिर उस वक्त गर्व से ऊचा कर दिया जब आदित्‍य एल-1 की सफल लॉन्चिंग की। ये एक सौर मिशन है, जिसे शनिवार 2 सितंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया। ये 4 महीने का सफर पूरा करते हुए L1 पॉइंट तक पहुंचेगा।

बता दें कि इसरो का आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान अपने अंतिम चरण के करीब है और एल1 बिंदु में प्रवेश करने की प्रक्रिया सात जनवरी, 2024 तक पूरी होने की उम्मीद है। इसरो के अनुसार, आदित्‍य-एल 1 सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली स्पेस बेस्ड इंडियन लेबोरेट्री होगी। आदित्य-एल1 मिशन का उद्देश्य L1 के चारों ओर की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है।

गगनयान

चंद्रयान और आदित्य एल-1 के बाद, इसरो अब अपने पहले मानव मिशन, गगनयान, की तैयारी में है। 2025 में इसके पहले मानव अंतरिक्ष यात्रा की संभावना है। गगनयान मिशन में मानवों को भेजने से पहले, इसरो विभिन्न परीक्षण करेगा, ताकि इंसानों की सुरक्षा के सभी पहलुओं को सुनिश्चित कर सके। इस कड़ी में, 21 अक्टूबर को इसरो ने गगनयान मिशन की टेस्ट फ्लाइट TVD1 को सफलतापूर्वक पूरा किया।

इस पहली टेस्ट उड़ान में, इसरो ने क्रू मॉड्यूल को आउटर स्पेस तक भेजा और फिर उसे सफलतापूर्वक जमीन पर वापस लाया। इस परीक्षण के माध्यम से, वैज्ञानिकों ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि अबॉर्ट ट्रैजेक्टरी ठीक तरह से काम कर रही है या नहीं। यदि मिशन के दौरान रॉकेट में कोई खराबी होती है, तो उपग्रह को सुरक्षित रूप से वापसी कैसे कराई जाएगी, इसका भी मूल्यांकन किया गया है।

इसरो ने बताया है कि पहले टेस्ट फ्लाइट के बाद, तीन अधिक टेस्ट फ्लाइट्स D2, D3, और D4 भेजे जाएंगे। इसके बाद, गगनयान मिशन के पहले अनमैन्ड मिशन की योजना बन सकती है। इस अनमैन्ड मिशन में, ह्यूमेनॉयड रोबोट, यानी पूरी तरह से इंसान जैसे रूप में बनाया गया रोबोट व्योममित्र, को भेजा जाएगा। अर्थात, इससे पहले इसरो विभिन्न परीक्षणों को पूरा करेगा, और इसके बाद ही मानव अंतरिक्ष मिशन को आगे बढ़ाएगा।

ये भी पढ़ें: बजरंग पुनिया से मिलने सुबह-सुबह वीरेंद्र कुश्ती अकादमी पहुंचे राहुल गांधी, अखाड़े में पहलवानों से की मुलाकात