
चंडीगढ़-मनाली NH पर 50 KM लंबा जाम। (फोटो- ANI)
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर 50 किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। पिछले 24 घंटे से हजारों की संख्या में गाड़ियां फंसी हैं। रास्ते में फंसे ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि करोड़ों रुपये के सेब, टमाटर और अन्य सब्जियों की खेप बर्बाद हो रही हैं।
उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द राष्ट्रीय राजमार्ग खोलने की मांग की है। हर ट्रक में लगभग 4-4।5 लाख रुपये का माल है। 50 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत के सेब रास्ते में फंसे हुए हैं।
इस बीच, मौसम विभाग की ताजा चेतावनी ने सबकी धड़कनें तेज कर दी हैं। दरअसल, हिमाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश के कारण बनाला में भूस्खलन की नौबत आ गई है। इसके कारण चंडीगढ़-मनाली हाईवे को बंद कर दिया गया है।
ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि सेब को समय पर साहिबाबाद फल मंडी पहुंचाना, लेकिन वह पांच दिनों से कुल्लू में अटके हैं। बताया गया कि आजादपुर और साहिबाबाद मंडियों की ओर जाने वाले हजारों ट्रक फंस गए हैं।
दूसरी तरफ, अधिकारियों का कहना मरम्मत का काम चल रहा है। हालांकि, छोटे वाहनों के लिए राजमार्ग खोल दिया गया है, लेकिन ट्रक अभी भी फंसे हुए हैं। बता दें कि कुल्लू जिले में भारी बारिश के कारण ब्यास नदी उफान पर है।
इसके चलते राजमार्ग का एक हिस्सा बह गया है। इस बीच, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आज और कल के लिए चंबा, कांगड़ा और मंडी में रेड अलर्ट जारी किया है।
चंबा, लाहौल-स्पीति, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में 28 अगस्त को और शिमला और मंडी में 29 अगस्त को भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, मंडी, कुल्लू, शिमला और सोलन में 30-31 अगस्त के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
कुल्लू की उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने कहा कि जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण जिले के कई हिस्सों को खाली कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दो दिनों की लगातार बारिश के बाद स्थिति और बिगड़ गई है।
उन्होंने कहा की बिंदु ढांक में राष्ट्रीय राजमार्ग 3 क्षतिग्रस्त हो गया है। बस स्टैंड में जलभराव हो गया है। बीआरओ वाले हिस्से के पास बहांग में पानी के कारण कुछ रेस्टोरेंट और दुकानें प्रभावित हुई हैं।
एक ट्रक ड्राइवर बबलू ठाकुर ने एएनआई से कहा कि हम पिछले कुछ दिनों से यहां फंसे हुए हैं। घर पहुंचना बहुत मुश्किल है। घर पर भी नुकसान हो रहा है, नदियां उफान पर हैं और सड़कें बहुत खराब हालत में हैं।
ठाकुर ने बताया कि प्रशासन ने खाने-पीने और रहने की कोई व्यवस्था नहीं की है। उन्होंने आगे कहा कि कुछ ढाबे वाले कभी-कभी हमें खाना खिला देते हैं। कभी-कभी लंगर वाले आकर पानी भी पिला देते हैं।
Published on:
28 Aug 2025 05:02 pm
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