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Congress का साथ मिलने के बाद भी AAP बेदम, केंद्र सरकार अब भी मजबूत, आंकड़े दे रहे गवाही

Delhi Ordinance: दिल्ली के ग्रेड-ए अफसर के ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की। भाजपा को लोकसभा में बहुमत प्राप्त है, लेकिन राज्यसभा में मामला थोड़ा-थोड़ा फंसता दिख रहा है। ऐसे में आंकड़ों के माध्यम से समझते हैं कि उच्च सदन में किसका पलड़ा भारी है? क्या कांग्रेस का साथ मिलने से आम आदमी पार्टी इस अध्यादेश को नामंजूर करवा पाएगी?

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Congress का साथ मिलने के बाद भी AAP बेदम, केंद्र सरकार अब भी मजबूत, आंकड़े दे रहे गवाही

Congress का साथ मिलने के बाद भी AAP बेदम, केंद्र सरकार अब भी मजबूत, आंकड़े दे रहे गवाही

Delhi Ordinance: विपक्षी महाजुटान से पहले जैसे ही कांग्रेस ने अध्यादेश मामले में आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया उसके बाद से आम आदमी पार्टी की ओर से इस समर्थन को लेकर बयान आने शुरू हो गए। राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने इसे लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता के लिए सकारात्मक साइन बताया। आम आदमी पार्टी की ओर से विपक्षी बैठक में शामिल होने के लिए इस बात की शर्त रखी गई थी और "आप" की इस शर्त पर कांग्रेसी राजी हो गई है। लेकिन इसके बावजूद भी राज्यसभा का गणित उसके पक्ष में नहीं दिख रहा है। लोकसभा में भाजपा का अपने दम पर बहुमत है ऐसे में वह इस अध्यादेश को आसानी से पारित करा लेगी, लेकिन राज्यसभा में मामला दोनों पक्षों के लिए थोड़ा थोड़ा चिंताजनक है लेकिन इसके बावजूद भी भाजपा के पास एक एज है


आंकड़ों के माध्यम से समझिए

लोकसभा से इस अध्यादेश को पास कराना भाजपा के लिए एकदम आसान रहने वाला है क्योंकि यहां पर उनका प्रचंड बहुमत है। लेकिन उच्च सदन में भाजपा के पास पर्याप्त बहुमत नहीं है। लेकिन पलड़ा इन्हीं का भारी है, क्योंकि सदन में सबसे ज्यादा 92 सदस्य भाजपा के पास ही है। NDA के पूरे कुनबे को मिला दे तो कुल संख्या 104 हो जाती है। इसके बाद 5 नामित सदस्यों और दो निर्दलीय सांसदों का समर्थन भी भाजपा को हासिल है।

यही नहीं भाजपा को YSR Congress और नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (BJD) का समर्थन भी मिल सकता है, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि कई मुद्दों पर ये दोनों दल भाजपा को सदन में अपना समर्थन दे चुके हैं। फिलहाल सदन की कुल संख्या 237 है, ऐसे में इस अध्यादेश को पास कराने के लिए 119 वोटों की जरूरत होगी।

BJD और YSR Congress पलट सकते हैं खेल

BJD और YSR Congress दोनों दलों के पास उच्च सदन में 9-9 सदस्य हैं। यदि दोनों दलों का समर्थन भारतीय जनता पार्टी को मिल जाता है तो फिर कुल संख्या 129 तक पहुंच जाएगी। साफ है कि अध्यादेश पास कराने के लिए जरूरी 119 से यह संख्या काफी ज्यादा है।

ये दोनों दल भाजपा को इसलिए भी समर्थन कर सकते हैं कि दोनों दोनों को आप को समर्थन ना करना उनके क्षेत्रीय राजनीति और हितों को कहीं से प्रभावित नहीं कर सकता है। इसलिए यह तय माना जा रहा है कि यह दोनों पार्टियां फिर से भाजपा के समर्थन में ही जाएंगी। ऐसे में ये दोनों दल आप का खेल बिगाड़ सकते हैं।

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उच्च सदन में भाजपा को मिल सकती है 132 वोट

BJD और YSR Congress के अलावा भी BSP, TDP और JDS ने कई बिलों पर सरकार का समर्थन दिया है। इन दलों को भी दिल्ली की राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। इसके अलावा विपक्षी पार्टियों के महाजुटान में भी ये तीनों दल शामिल नहीं हो रहे हैं। इन पर बार-बार यह आरोप लगता है कि भाजपा से अलग होकर भी यह तीनों दल भाजपा के लिए ही बैटिंग करते हैं। उन्हीं को फायदा पहुंचाते हैं।

ऐसे में अगर ये तीनों दल मोदी सरकार को समर्थन करते हैं तो राज्यसभा में इनके पास कुल संख्या 132 तक पहुंच जाएगी, जो बहुमत के आंकड़े से काफी ज्यादा है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अरविंद केजरीवाल के लाख प्रयासों के बावजूद भी कोई चमत्कार नहीं हो पाएगा और बीजेपी आसानी से उच्च सदन में भी इसे पास करा ले जाएगी।

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