कमर्शियल वाहनों से वसूला गया सारा पैसा खुद ही खा गई कंपनी
मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में बताया कि दिल्ली नगर निगम में साल 2017 में टोल टैक्स कलेक्शन के लिए ‘ एमईपी इन्फ्राट्रक्चर डेवलपर्स लिमिटेड’ नाम की कंपनी को इसका ठेका दिया है। ठेके के मुताबिक कंपनी को कंपनी को दिल्ली नगर निगम को हर साल 1200 करोड़ रुपए देना चाहिए। इस कंपनी ने पहले साल नगर निगम को तो पूरा पैसा दिया, लेकिन उसके बाद नगर निगम के नेतृत्व से मिलीभगत करके कंपनी ने पैसा देना लगभग बंद कर दिया। कंपनी ने कभी 20% तो कभी 30% पैसा ही नगर निगम को दिया और दिल्ली में प्रवेश करने वाले कमर्शियल वाहनों से वसूला गया सारा पैसा खुद ही खा गई।
MCD ने पिछले 4 साल में कुछ नहीं किया
मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली नगर निगम को पैसा ना मिलने की स्थिति में तुरंत टेंडर कैंसिल करके कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर देना चाहिए था। उसके बाद नया टेंडर जारी करना चाहिए था, लेकिन MCD ने पिछले 4 साल में कुछ नहीं किया। उन्होंने आगे कहा कि हजारों करोड़ों रुपए के गबन होने के बाद भी दिल्ली नगर निगम ने 2021 में नया टेंडर किया और फिर पुरानी कंपनी के आपरेटर्स की ही दूसरी कंपनी ‘शंकर ग्लोबल लिमिटेड’ को ‘786’ करोड़ रुपए हर साल की दर पर टेंडर दे दिया।
कोरोना महामारी के दौरान 83 करोड़ रुपए की छूट
मनीष सिसोदिया ने पत्र के माध्यम से कहा कि कोरोना महामारी के दौरान 83 करोड़ रुपए की छूट दी गई और अब पता चला है कि ‘शंकर ग्लोबल लिमिटेड’ ने इतने कम दाम में टैंडर लेने के बावजूद नगर निगम को टैक्स का पूरा पैसा तक नहीं दिया। इसके साथ ही उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि MCD के नेतृत्व की मिलीभगत के चलते इसे इतनी कम सालाना फीस देने में भी कंपनी को छूट दी गई।
नगर निगम के अधिकारियों ने टेंडर व छूट के लिए किया विरोध
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखे पत्र में मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुझे पता चला है कि दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने कंपनियों को इस तरह से टेंडर दिए जाने व लगातार छूट दिए जाने पर लगातार आपत्ति जताई। इसके बाद भी कंपनी को लगातार फायदा पहुंचाया गया। मनीष सिसोदिया ने इसे बहुत बड़ा घोटाला बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की, जिससे दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो सके। इसके साथ ही मनीष सिसोदिया ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल से कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि आप तुरंत इस मामले की CBI से जांच कराने के निर्देश देंगे और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।