बीजेपी सांसद व पायलट राजीव प्रताप रूडी ने अहमदाबाद प्लेन क्रैश को लेकर डिटेल जानकारी साझा की है। उन्होंनें कहा कि यह हादसा एक चेतावनी है कि भविष्य में ऐसे हादसे न हों, इसके लिए पूरी प्रणाली में सुधार आवश्यक है।
Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया (AIR INDIA) के विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट आ गई है। इस पर बीजेपी सांसद व पायलट राजीव प्रताप रूडी (BJP MP and pilot Rajiv Pratap Rudy) ने बयान दिया है। रूडी ने एयरक्राफ्ट एक्सीडेंड इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो की शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर कहा कि विमान टेकऑफ के लिए आवश्यक गति पकड़ चुका था, यानी की वह टेक्निकली उड़ान भरने के लिए सही स्थिति में था। फिर भी कुछ तकनीकी गड़बड़ियां हुई। इससे हादसा हुआ।
बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि विमान की स्पीड 180 नॉट्स थी, जो टेकऑफ के लिए जरूरी और सामान्य है। उन्होंने कहा कि इसे ऐविएशन की भीषा में रोटेशन स्पीड कहते हैं। इस स्पीड पर आते ही विमान ऊपर की ओर उठने लगता है, लेकिन इसके तुरंत बाद विमान के दोनों इंजन अचानक बंद हो गया। उनका कहा कि ऐसा लगता है कि रैम एयर ट्रिब्यून अपने आप डिप्लॉय हो गई। यह तभी होता है जब दोनों इंजन अपने आप काम करना बंद कर दें।
उन्होंने आगे कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चला है कि ऑक्सिलरी पावर यूनिट एक्टिव हुआ और आरएटी भी अपने आप शुरू हो गई। ये दोनों सिस्टम तभी काम करते हैं जब विमान में पूरी तरह से पावर फेल जाए। उन्होंने आगे कहा कि यह सभी घटनक्रम इस बात की ओर इशारा करता है कि विमान में गंभीर तकनीकी गड़बड़ी हुई है। इससे पायलट को इमरजेंसी सिस्टम एक्टिव करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि जब पायलट को यह एहसास होता है कि विमान कंट्रोल में नहीं है तो वह फ्यूल कटऑफ स्विच को बंद कर देता है ताकि इंजन को दोबारा शुरू किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य सुरक्षा प्रक्रिया होती है। उन्होंने कहा कि कॉकपिट में पायलटों ने एक-दूसरे से पूछा कि कि तुमने फ्यूल क्यों बंद किया? जवाब में दूसरे ने कहा कि मैंने नहीं किया। इसका मतलब है कि कॉकपिट में भ्रम की स्थिति बन गई थी।
बीजेपी सांसद ने कहा कि यह केवल प्राथमिक रिपोर्ट है। अभी कई तकनीकी पहलुओं की जांच बाकी है। उन्होंने भरोसा जताया कि AAIB पूरी ईमानदारी से घटना के कारणों का पता लगाएगी। उन्होंनें कहा कि यह हादसा एक चेतावनी है कि भविष्य में ऐसे हादसे न हों, इसके लिए पूरी प्रणाली में सुधार आवश्यक है। इस पर तकनीकी स्टाफ, पायलट ट्रेनिंग, और विमान की नियमित जांच जैसे विषयों पर सरकार और एविएशन संस्थानों को गहराई से काम करना होगा।