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Bangladesh में हिंदू समर्थक अर्थशास्त्री गिरफ्तार, मोहम्मद युनूस ने दिखाया अपना असली चेहरा, जानिए पूरी कहानी

मशहूर अर्थशास्त्री अबुल बरकत को गिरफ्तार कर लिया गया है। बरकत ने साल 2016 में चेतावनी दी थी कि अगर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले नहीं रुके तो अगले 30 सालों में एक भी हिंदू नहीं बचेगा।

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Abul Barkat Arrested (Photo: X)

Abul Barkat Arrested (Photo: X)

Hindus are in danger in Bangladesh: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदु समुदाय के हितों की बात करने वाले मशहूर अर्थशास्त्री अबुल बरकत (Abul Barkat) को गिरफ्तार कर लिया गया है। बरकत को भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक देर रात उनके घर पर छापा मारकर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। बरकत ढाका विश्वविद्यालय में पढ़ा चुके हैं। उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Haseena) के शासनकाल में जनता बैंक का अध्यक्ष बनाया गया था।

जमात ए इस्लामी का खुलकर विरोध

बरकत को हिंदु अल्पसंख्यकों के हिमायती के तौर पर भी देखा जाता है। वह कट्टरपंथी इस्लामी विचारधाराओं के खिलाफ हैं। उन्होंने कई बार सार्वजनिक तौर पर जमात ए इस्लामी जैसे कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों का विरोध किया। बरकत ने साल 2016 में चेतावनी दी थी कि अगर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले नहीं रुके तो अगले 30 सालों में एक भी हिंदू नहीं बचेगा। उनका बयान बांग्लादेश में काफी चर्चित हुआ था।

किस मामले में गिरफ्तार किए गए हैं बरकत

Why Barkat arrested: बांग्लादेश की पुलिस ने बरकत को में रेडीमेड गारमेंट कंपनी ‘एनॉनटेक्स ग्रुप’ को गलत तरीके से कर्ज दिलवाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि बैंक से जुड़े करीब 2.97 अरब टका का गबन किया है। इस मामले में उन पर मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप है कि बरकत ने फर्जी दस्तावेज बनवाए। काल्पनिक इमारतों और फैक्ट्रियों के नाम पर लोन पास करवाए। खरीदी गई जमीन की कीमत जानबूझ कर अत्यधिक दिखाई ताकि लोन मिल सके। भ्रष्टाचार के इस मामले में पूर्व गर्वनर अतीउर रहमान का नाम भी शामिल है।

कई पुरस्कारों ने नवाजा जा चुका है

अबुल बरकत को कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। बरकत को जापान ने साल 2022 में ऑर्डर ऑफ द राइजिंग सन जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मान से नवाजा था। बरकत ने साल 2016 में 'पॉलिटिकल इकोनॉमी ऑफ रिफॉर्मिंग एग्रीक्लचर लैंड-वाटर बॉडीज इन बांग्लादेश' लिखी थी। उन्होंने अपनी किताब में दावा किया था कि साल 1964 से 2013 के बीच करीब 1.13 करोड़ बांग्लादेशी हिंदू अल्पसंख्यक उत्पीड़न की वजह से देश छोड़कर चले गए।

उनके मुताबिक 2016 में हर दिन 632 हिंदू देश छोड़कर जा रहे थे। उन्होंने इसी आधार पर चेतावनी दी थी कि अगर ऐसा चलता रहा तो 2046 तक बांग्लादेश में कोई हिन्दू नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में शत्रु संपत्ति घोषित कर 60 फीसदी हिंदुओं की जमीनें छिन ली गई।