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खराब हुई दिल्ली की हवा, पर्यावरण मंत्री ने पड़ोसी राज्यों पर फोड़ा ठीकरा

राजधानी दिल्ली की हवा बेहद खराब हो गई है, इसके लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पड़ोसी राज्यों को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि यूपी, हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने से दिल्ली की हवा खराब हुई है।

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air pollution in Delhi

air pollution in Delhi

नई दिल्ली। आधा अक्टूबर बीतते ही राजधानी दिल्ली की हवा प्रदूषित होने लगी है। बीते कुछ दिनों से दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक 250- 300 तक दर्ज की जा रही है। अब दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राजधानी की इस हालत के लिए पड़ोसी राज्यों को जिम्मेदार बताया है। पर्यावरण मंत्री का कहना है कि यूपी, पंजाब और हरियाणा में किसान बड़ी मात्रा में पराली जला रहे हैं, जिससे स्थिति बिगड़ रही है।

पड़ोसी राज्यों के चलते खराब हुई दिल्ली की हवा
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि 13 अक्टूबर को पराली जलाने की घटनाएं कम थीं, जिससे AQI का स्तर 171 पर था। वहीं पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने के साथ ही दिल्ली की हवा खराब होने लगी है। वायु प्रदूषण के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार किसानों के खेतों में बायो डी कंपोजर का छिड़काव कराती है, लेकिन पड़ोसी राज्यों में आज भी वायु प्रदूषण से निपटने की कोई तैयारी नहीं है जिसका खामियाजा राज्यों के साथ दिल्ली को भी भुगतना पड़ता है।

पंजाब सरकार पर उठाए सवाल
इस दौरान उन्होंने केंद्र की एक योजना का जिक्र करते हुए राज्य सरकारों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। पर्यावरण मंत्री ने बताया कि केंद्र ने पंजाब को पराली से होने वाले वायु प्रदूषण के समाधान के लिए 250 करोड़ रुपए दिए थे, जिससे करीब 50 लाख एकड़ में बायो डी कंपोजर का छिड़काव किया जा सकता है। इसके बावजूद पंजाब में बड़ी मात्रा में किसान पराली जला रहे हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी नजर रखती है साथ ही किसानों के इसके नुकसान बताते हुए जागरूक भी करती है।

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गौरतलब है कि दिल्ली के आठ इलाके ऐसे हैं, जहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंच गया है। गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक शनिवार को बेहद खराब श्रेणी में 349 दर्ज किया गया, जो इस सीजन में ये सबसे ज्यादा है। सीपीसीबी के मुताबिक AQI 200 के ऊपर होने पर हवा को खराब श्रेणी में रखा जाता है। वहीं हवा को AQI 300 के पार होने पर स्थिति चिंताजनक हो जाती है, इससे लोगों को सांस लेने में समस्या होने लगती है। वहीं बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को खास परेशानी होती है।