
Divorce Rules In India: पूरी दुनिया में भारत एक मात्रा ऐसा देश जहां आज भी तलाक के मामले सबसे कम है लेकिन भारत के हिसाब से देखा जाए तो यह आकड़ें दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। जो कि चिंता का विषय बने हुए हैं। पिछले कुछ सालों में महिलाओं को बेहतर शिक्षा, मौलिक अधिकारों के बारे में जागरूकता और वित्तीय, मानसिक और शारीरिक रूप से स्वतंत्रता प्राप्त हुई है, जिसकी वजह से अधिकाधिक महिलाएं अपने हक और आत्म-सम्मान के लिए आवाज उठाने में समर्थ हो रही हैं। जब उनके साथ विवाह के बाद बुरा बर्ताव होता है, तो वह तलाक लेना ही बेहतर समझती हैं। लेकिन क्या आपको पता है डिवोर्स के बाद महिला पति के अलावा ससुर से भी गुजारा भत्ता (Alimony Rule) ले सकती है। आइए जानते है इसके नियम।
जब पति-पत्नी तलाक लेते हैं, तो कोर्ट पति से पत्नी के भरण-पोषण के लिए भुगतान करने का निर्देश दे सकता है, जिसे एलिमनी कहा जाता है। एलिमनी, हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत सूचीबद्ध प्रावधानों द्वारा लागू होता है। ये एलिमनी पेमेंट कोर्ट के निर्देश के आधार पर या दोनों पक्षों के बीच हुए आपसी समझौते के आधार पर भी किया जा सकता है।
किसी भी कपल के लिए एलिमनी कुछ पैरामीटर्स देख कर तय की जाती है।
अगर किसी महिला ने अपने पति से तलाक लिया है। और तलाक के बाद उसके पति की मृत्यु हो जाती है। महिला खुद का खर्च नहीं उठा पा रही है। तो ऐसे में वह पति की संपत्ति या पति के परिवार के अलग-अलग लोगों से गुजारा भत्ता मांग सकती है। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत ऐसा किया जा सकता है।
Published on:
27 Feb 2025 03:19 pm
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