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अरहर (तूर) दाल उत्पादन किसानों के दोनों हाथ में लड्डू, सिर्फ रजिस्ट्रेशन करने पर मिलेगी उत्पाद- खरीद की गारंटी

गृहमंत्री अमित शाह ने तूर दाल उत्पादक किसानों के पंजीकरण, खरीद एवं भुगतान के लिए पोर्टल का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि उत्पादन से पहले ही पोर्टल पर रजिस्टर करने वाले सभी किसानों की दलहन हम खरीदेंगे और पैसा सीधा उनके खाते में आएगा। ये पोर्टल NAFED और NCCF द्वारा विकसित है।

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Amit Shah inaugurated portal for registration purchase and payment of farmers producing tur dal

गृहमंत्री अमित शाह पोर्टल को लॉन्च करते हुए।

अनुराग मिश्रा। नई दिल्ली: तूर दाल उत्पादक किसानों के पंजीकरण, खरीद एवं भुगतान के लिए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED)और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (NCCF)द्वारा विकसित पोर्टल का लोकार्पण किया गया। पोर्टल लॉन्च के मौक़े पर आयोजित संगोष्ठी को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने संबोधित किया। सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमने पोर्टल के जरिए ऐसी शुरुआत की है जिससे NAFED और NCCF के माध्यम से किसानों को एडवांस में रजिस्ट्रेशन कर तूर दाल की बिक्री में सुविधा होगी और उन्हें MSP या फिर इससे अधिक के बाजार मूल्य का डीबीटी के जरिए भुगतान हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि इस शुरुआत से आने वाले दिनों में किसानों की समृद्धि, दलहन के उत्पादन में देश की आत्मनिर्भरता और साथही पोषण अभियान को भी मजबूती मिलती दिखेगी। इसके साथ ही क्रॉप पैटर्न चेंजिंग के हमारे अभियान में गति आएगी और भूमि सुधार एवं जल संरक्षण के क्षेत्रों में भी बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि आज की शुरुआत आने वाले दिनों में कृषि क्षेत्र में प्रचंड परिवर्तन लाने वाली शुरुआत है।

साल 2027 तक देश को नहीं खरीदनी पड़ेगी दलहन
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दलहन के उत्पादक किसानों पर बड़ी जिम्मेदारी डाली है कि वर्ष 2027 तक दलहन के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर हो। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि किसानों के सहयोग से दिसंबर 2027 से पहले दलहन उत्पादन के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन जाएगा और देश को एक किलो दाल भी आयात नहीं करनी पड़ेगी।

‘किसानों का उत्पाद शत प्रतिशत ख़रीदा जाएगा’
शाह ने कहा कि हमने निश्चित कर लिया है कि जो किसान उत्पादन करने से पहले ही NAFED और NCCF से अपना रजिस्ट्रेशन कराएगा, उसकी दलहन को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर शत-प्रतिशत खरीद कर लिया जाएगा।

किसानों के दोनों हाथ में होंगे लड्डू
शाह ने कहा कि इस पोर्टल पर रजिस्टर करने के बाद किसानों के दोनों हाथों में लड्डू होंगे। दलहन फसल आने पर अगर दलहन का दाम एमएसपी से ज्यादा होगा तो उसकी एवरेज निकाल कर भी किसान से ज्यादा मूल्य पर दलहन खरीदने का एक वैज्ञानिक फार्मूला बनाया गया है और इससे किसानों के साथ कभी अन्याय नहीं होगा।

गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि बहुत कम समय के भीतर 537प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समिति (PACS)और ढेर सारे किसान उत्पादक संगठन (FPO)इस पोर्टल के साथ जुड़ चुके हैं। गुजरात के 480, महाराष्ट्र के 227, कर्नाटक के 209, मध्य प्रदेश के 45 और अन्य राज्यों के पैक्स और एफपीओ ने भी पोर्टल से जुड़ने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि बीते 9 साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में खाद्यान्न उत्पादन में बहुत बड़ा बदलाव आया है।

शाह ने कहा कि वर्ष 2013—14 में खाद्यान्न उत्पादन कुल मिलाकर 265 मिलियन टन था और 2022—23 में यह बढ़कर 330 मिलियन टन तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद के 75 साल में किसी एक दशक का विश्लेषण करें तो सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी मोदी जी के नेतृत्व में देश के किसानों ने की है। उन्होंने कहा कि इस दौरान दलहन के उत्पादन में भी बहुत बड़ी बढ़ोतरी हुई है मगर तीन दलहनों में हम आत्मनिर्भर नहीं है और उसमें हमें आत्मनिर्भर होना है।

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