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Assamese Language: ‘असमिया’ को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने पर मनाया जाएगा भाषा गौरव सप्ताह उत्सव

Bhasa Gaurav Saptah: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मराठी, बंगाली, पाली, प्राकृत और असमिया (Assamese) को शास्त्रीय भाषा का दर्जा जानें पर शास्त्रीय भारतीय भाषाओं की कुल संख्या 11 हो गई है।

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Himanta Biswa Sarma

Assam CM Himanta Biswa Sarma

Classical Indian Languages: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने रविवार को घोषणा की कि असमिया (Assamese) को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के केंद्र सरकार के फैसले पर राज्य एक सप्ताह तक जश्न मनाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि यह उत्सव नवंबर के पहले सप्ताह में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य 3 से 9 नवंबर के बीच 'भाषा गौरव सप्ताह' के रूप में शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त करने का जश्न मनाएगा।

'भाषा गौरव सप्ताह’ दिया गया नाम

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर लिखा, "3 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आधिकारिक तौर पर असमिया को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी। इस ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए, असम 3 से 9 नवंबर 2024 तक ‘भाषा गौरव सप्ताह’ मनाएगा।" उन्होंने कहा कि इस पूरे सप्ताह में विश्वविद्यालय, स्कूल और नागरिक समाज संगठन असमिया लेखकों और विद्वानों के योगदान का सम्मान करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करेंगे, जिनके काम ने चौथी शताब्दी ईस्वी से भाषा को आकार दिया है।

शास्त्रीय भारतीय भाषाओं की कुल संख्या 11 हो गई है

मुख्यमंत्री ने कहा, "असम के लोग राज्य की सांस्कृतिक और भाषाई विरासत के प्रति इस महत्वपूर्ण कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी हार्दिक आभार व्यक्त करेंगे।" सरमा ने राज्य के सभी वर्गों से ‘भाषा गौरव सप्ताह’ के आयोजन को सफल बनाने के लिए सहयोग की अपील की। इससे पहले, 3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मराठी, बंगाली, पाली, प्राकृत और असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया था। तमिल, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और उड़िया को पहले ही यह प्रतिष्ठित उपाधि मिल चुकी है, जिससे शास्त्रीय भारतीय भाषाओं की कुल संख्या 11 हो गई है। भाषा के अध्ययन के लिए उत्कृष्टता केंद्र का निर्माण, केंद्रीय संस्थानों में व्यावसायिक अध्यक्षों के लिए धन और उल्लेखनीय योगदानकर्ताओं के लिए विश्वव्यापी पुरस्कार शास्त्रीय भाषा के रूप में नामित होने के कुछ प्रमुख लाभ हैं।

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