
हरियाणा के बहादुरगढ़ में आई बाढ़ में मारुति की 300 नई गाड़ियां डूब गईं। (फोटो: ANI.)
Bahadurgarh Flood: हरियाणा के झज्जर जिले के बहादुरगढ़ में भारी बारिश व सैलाब (Bahadurgarh Flood 2025) के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं। लगातार बारिश और नालों के ओवरफ्लो होने से शहर के कई हिस्सों में पानी भर गया है। खासकर औद्योगिक इलाके में पानी का स्तर चार से पांच फीट तक पहुंच गया है। इससे फैक्ट्रियों में कामकाज पूरी तरह से बंद (Haryana Factory Shutdown Flood) हो गया है और हजारों मजदूरों के सामने रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। बारिश का सबसे बड़ा असर मारुति कंपनी के स्टॉकयार्ड पर पड़ा है, जहां करीब 300 ब्रांड न्यू गाड़ियां पानी में डूब चुकी (Maruti Cars Flood Damage) हैं। इन गाड़ियों में ऑल्टो, वैगनआर, ब्रेजा, ग्रैंड विटारा और इन्विक्टो जैसी गाड़ियां शामिल हैं। कई गाड़ियों के एयरबैग अपने आप फट गए (Haryana Flood Car Loss) और ड्राइवर साइड के विंडो अपने-आप गिर गए।
स्थानीय मजदूरों ने बताया कि जब रात को पानी तेजी से आया, तब चौकीदार को सूचना दी गई लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सभी गाड़ियों के सायरन बजने लगे थे, लेकिन कोई भी उन्हें निकाल नहीं पाया।
आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र में पानी घुसने की वजह से अधिकतर फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं। यहां काम करने वाले मजदूर लक्ष्मण और अमृतलाल का कहना है कि काम ठप होने की वजह से वे रोज़ी-रोटी को लेकर परेशान हैं। “ना काम है, ना पैसे… और ऊपर से घरों में पानी भरा है,” उन्होंने कहा।
सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाकों में से एक छोटूराम नगर है, जहां पांच से छह फीट तक पानी भर गया है। लोग अपने घरों से निकलने पर मजबूर हो गए हैं। सिर पर सामान और गोद में बच्चों को लेकर लोग रिश्तेदारों के घर या सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
प्रशासन ने सामुदायिक भवनों और धर्मशालाओं में अस्थायी राहत केंद्र बनाए हैं, लेकिन लोग शिकायत कर रहे हैं कि राशन-पानी और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं।
दिल्ली से लगती मुंगेशपुर ड्रेन भारी बारिश के कारण ओवरफ्लो हो गई है और कई जगह से टूट चुकी है। इसी ड्रेन के फटने की वजह से बहादुरगढ़ में जलभराव का संकट और ज्यादा गहरा गया है। नगर परिषद और सेना के जवानों ने कुछ इलाकों से लोगों को निकालना शुरू किया है, लेकिन कई हिस्से अब भी डूबे हुए हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन से उन्हें कोई खास मदद नहीं मिल रही है। "न पानी निकालने की व्यवस्था है, न खाने-पीने का इंतज़ाम," एक महिला ने कहा। हर दिन पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है और लोगों का धैर्य टूटता जा रहा है।
Updated on:
08 Sept 2025 04:23 pm
Published on:
08 Sept 2025 04:22 pm
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