
BAPS Volunteers: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि यह देखते हुए कि भारतीय संस्कृति में "सेवा" को सबसे बड़ा "धर्म" माना जाता है, BAPS स्वयंसेवक अपनी निस्वार्थ सेवा के माध्यम से दुनिया भर में लाखों लोगों के जीवन पर बड़ा प्रभाव डाल रहे हैं। पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अहमदाबाद में कार्यकर्ता सुवर्ण महोत्सव को संबोधित करते कहा कि BAPS (बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था) के स्वयंसेवक समाज में सबसे हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्त बना रहे हैं और यह लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने फरवरी 2022 में संघर्ष शुरू होने के बाद यूक्रेन (Ukraine) से निकाले गए छात्रों के लिए समर्थन जुटाने में BAPS के प्रयासों को याद किया।
पीएम ने कहा, "जब यूक्रेन में युद्ध बढ़ने लगा, तो भारत सरकार ने तुरंत वहां फंसे भारतीयों को निकालने का फैसला किया।इसके बाद बड़ी संख्या में भारतीय पोलैंड (Poland) पहुंचने लगे। लेकिन एक चुनौती थी कि उस युद्ध के माहौल में पोलैंड पहुंचे भारतीयों को अधिकतम मदद कैसे पहुंचाई जाए। उस समय मैंने BAPS के एक संत से बात की और मुझे लगता है कि रात के 12 या 1 बजे थे। मैंने उनसे अनुरोध किया कि पोलैंड पहुंचने वाले बड़ी संख्या में भारतीयों की मदद के लिए मुझे आपका समर्थन चाहिए और मैंने देखा कि कैसे आपके संगठन ने रातों-रात पूरे यूरोप से BAPS कार्यकर्ताओं को एक साथ ला खड़ा किया।" उन्होंने कहा कि "सेवा" केवल शब्द नहीं है, बल्कि जीवन का एक अनमोल मूल्य है और इसे भक्ति और समर्पण से भी बड़ा स्थान दिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारी संस्कृति में सेवा को सबसे बड़ा धर्म माना जाता है। यह केवल शब्द नहीं है, बल्कि एक जीवन मूल्य है।"
Published on:
07 Dec 2024 08:54 pm
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