बामसेफ के अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कहा है कि हमारे द्वारा बुलाए गए भारत बंद को राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा, बहुजन मुक्ति मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा सहित कई और संगठनों ने समर्थन किया है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार जातीय जनगणना कराने के लिए फैसला लेने से नहीं बच सकती है। वहीं बहुजन मुक्ति पार्टी के कार्यकारिणी प्रदेश अध्यक्ष डीपी सिंह ने लोगों से अपील की है कि वह इस बंद को सफल बनाएं।
बामसेफ सहित कई संगठनों की ये हैं मागें – ओबीसी की जाति आधारित जनगणना की जाए। – चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल को खत्म करे। – एससी/एसटी/ओबीसी के लिए निजी क्षेत्र में भी आरक्षण मिले।
– एनआरसी/सीएए/एनपीआर को लागू न किया जाए। – किसानों को एमएसपी की गारंटी देने वाला नया कानून जल्द बनाया जाए। – पुरानी पेंशन योजना की बहाली हो। – मध्य प्रदेश और ओडिशा पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण में अलग से निर्वाचक मंडल हो।
– टीकाकरण को अनिवार्य नहीं बनाया जाए। – पर्यावरण संरक्षण के नाम पर आदिवासी आबादी को विस्थापन न किया जाए।
बिहार, यूपी में बंद का ज्यादा हो सकता है असरबिहार और यूपी में बंद का असर ज्यादा देखने को मिल सकता है, क्योंकि यहां की राजनीतिक पार्टियां बहुत पहले से ही जातीय जनगणना कराने की मांग कर रही हैं। बिहार के मुख्यमंत्री ने तो 27 मई को इसके लिए सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है। इसके साथ ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी इसको लेकर काफी लंबे समय से मांग कर रहे हैं। इसके साथ यूपी में समाजवादी पार्टी भी जातिगत जनगणना व ईवीएम पर रोक लगाने की मांग कर रही है। इसलिए इस बंद का असर यूपी में देखने को मिल सकता है। हालांकि अभी किसी बड़ी राजनीतिक पार्टी ने इस बंद का समर्थन नहीं किया है।