
CBSE 10th Board Exam: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के पढ़ाई करनेवाले विद्यार्थियों को अगले साल (2026) से 10वीं बोर्ड की परीक्षा पास करने का दो मौका मिलेगा। स्टूडेंट किसी विषय की ठीक से तैयारी न होने की स्थिति में पहले चरण में उस विषय को छोड़ सकेंगे। हालांकि दूसरे चरण में उसे पास करना अनिवार्य होगा। सीबीएसई गवर्निंग बॉडी ने पढ़ाई का तनाव कम करने और विद्यार्थियों को अपना प्रदर्शन सुधारने का अतिरिक्त अवसर देने की मंशा से ऐसा बदलाव करने के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूर कर लिया है। इसके तहत अब 10वीं की परीक्षा साल में दो बार होगी। बोर्ड परीक्षाओं का पहला और दूसरा संस्करण पूरक परीक्षाओं के रूप में भी काम करेगा और किसी भी परिस्थिति में कोई विशेष परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी।
सीबीएसई गवर्निंग बॉडी से स्वीकृत मसौदा दिशा-निर्देशों के अनुसार, कक्षा 10वीं बोर्ड के पहले चरण की परीक्षा फरवरी और मार्च के बीच और दूसरे चरण की मई में निर्धारित की जाएगी। दोनों परीक्षाओं में पूरा पाठ्यक्रम शामिल होगा, जिससे छात्रों के ज्ञान और कौशल का व्यापक मूल्यांकन किया जा सके। हालांकि प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन साल में केवल एक बार ही आयोजित किए जाएंगे। छात्रों को दोनों सत्रों में उपस्थित होने और अपनी तैयारी के लिए सबसे उपयुक्त सत्र चुनने का अवसर मिलेगा।
आधिकारिक तौर पर बताया गया कि मसौदा मानदंड अब सार्वजनिक डोमेन में रखे जाएंगे और हितधारक नौ मार्च तक अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं। इसके बाद नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। मसौदा मानदंडों के अनुसार, परीक्षा का पहला चरण 17 फरवरी से 6 मार्च तक आयोजित किया जाएगा, जबकि दूसरा चरण 5 से
दोनों बार एक ही परीक्षा केंद्र होंगे
बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दोनों परीक्षाएं पूरे पाठ्यक्रम के आधार पर आयोजित की जाएंगी और उम्मीदवारों को दोनों संस्करणों में एक ही परीक्षा केंद्र आवंटित किए जाएंगे। आवेदन दाखिल करने के समय दोनों परीक्षाओं के लिए परीक्षा शुल्क बढ़ाया जाएगा और एकत्र किया जाएगा।
वर्तमान में कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए बोर्ड परीक्षाएं फरवरी और मार्च के बीच आयोजित की जाती हैं। कोविड के दौरान सीबीएसइ ने एक बार के उपाय के रूप में बोर्ड परीक्षाओं को दो सत्रों में विभाजित किया था। हालांकि, बोर्ड अगले वर्ष पारंपरिक वर्ष के अंत में परीक्षा प्रारूप पर लौट आया।
1- क्या दोनों बार परीक्षा देना जरूरी होगा?
नहीं, यह छात्र-छात्राओं पर निर्भर करेगा। वे एक बार परीक्षा में शामिल हो सकते हैं या दोनों बार परीक्षा दे सकते हैं। इसके साथ ही किसी सब्जेक्ट में अच्छा परफॉर्म न कर पाने पर, दूसरी परीक्षा में उस विषय का दोबारा परीक्षा दे सकते हैं।
2- क्या प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन दोनों बार होंगे?
बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी, लेकिन प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन साल में केवल एक बार ही होंगे।
3- क्या दोनों परीक्षाओं के सिलेबस अलग-अलग होंगे?
दोनों परीक्षाएं पूरे सिलेबस पर आधारित होंगी। परीक्षा का रूप एक जैसा ही होगा।
4- परीक्षा का परिणाम कैसे तय होगा?
दो बार परीक्षा देने पर बेहतर परिणाम अंतिम माना जाएगा। उदाहरण के लिए दूसरी बार परीक्षा में अंक कम आते हैं तो पहली परीक्षा के नंबर अंतिम माने जाएंगे।
5- परीक्षा फीस और रजिस्ट्रेशन में क्या अंतर आएगा?
दोनों परीक्षाओं के लिए रजिस्ट्रेशन एक ही बार करना होगा। दो बार परीक्षा देने का ऑप्शन चुनने पर फीस एक साथ ली जाएगी। इससे साफ है कि परीक्षा की फीस बढ़ जाएगी।वर्तमान में क्या है प्रणाली?
परीक्षा के नए फ्रेमवर्क में विषयों की सात श्रेणी बनाई गई है। लैंग्वेज-1, लैंग्वेज-2, इलेक्टिव-1, इलेक्टिव-2, इलेक्टिव-3, रीजनल एंड फॉरेन लैंग्वेज और बाकी सब्जेक्ट।
सीबीएसई गवर्निंग बॉडी ने एक और बदलाव करते हुए 2026 से कक्षा-9 में विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के विषयों के लिए दो स्तरीय व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। कठिनाई के स्तर के आधार पर इसे बेसिक और एडवांस में बांटा जाएगा। गवर्निंग बॉडी की मंजूरी के बाद अब अगले सत्र से इसे लागू करने रास्ता साफ हो गया है। सूत्रों ने बताया कि 2028 में 10वीं कक्षा में दोनों विषयों विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के बेसिक और एडवांस पेपर अलग-अलग हो सकते हैं। यह निर्णय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत लिया गया है। अभी गणित में यह व्यवस्था लागू है।
Updated on:
26 Feb 2025 09:45 am
Published on:
26 Feb 2025 07:45 am
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
