
एनडीए और महागठबंधन। (फोटो- IANS)
बिहार विधानसभा चुनाव कार्यक्रम के ऐलान के साथ ही दोनों प्रमुख गठबंधन भाजपानीत एनडीए और राजदनीत महागठबंधन खुद को मैदान में उतारने को तैयार बता रहे हैं, लेकिन दोनों ही समूहों में अभी सीटों का बंटवारा नहीं हो सका है।
दोनों गठबंधन के प्रमुख सहयोगियों के बीच पिछले दिनों से लगातार जारी मंथन से अगले एक-दो दिन में सीट बंटवारे की तस्वीर पूरी साफ हो सकती है। चुनाव की घोषणा के साथ ही आम आदमी पार्टी ने 11 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।
एनडीए में जदयू और भाजपा दोनों के 100-100 से ज्यादा सीट पर लड़ने पर समझौता हो चुका है। हालांकि, जदयू लोकसभा फॉर्मूले का हवाला देते हुए विधानसभा में भाजपा से एक सीट अधिक चाहती है।
एनडीए में छोटे सहयोगियों से अभी बात नहीं बनी है। चिराग पासवान 35 सीटें मांग रहे हैं। लेकिन बड़े दल उन्हें 22 से ज्यादा देने को तैयार नहीं। सूत्रों का कहना है कि जदयू 108, भाजपा 107 सीट पर लड़ सकते हैं।
एलजेपी 22, उपेंद्र कुशवाहा की आरएलसीपी और जीतनराम मांझी की हम को तीन-तीन सीटें दी जा सकती हैं। छोटे सहयोगी इस पर राजी नहीं हुए तो भाजपा और जदयू अपने कोटे की कुछ सीटें उन्हें दे सकते हैं।
महागठबंधन में नए दलों एलजेपी, वीआइपी की एंट्री और झारखंड मुक्ति मोर्चे की मांग को लेकर सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।
कहा जा रहा है कि फार्मूला लगभग तय हो चुका है। नए सहयोगियों के कारण राजद और कांग्रेस पिछली बार से कम सीटों पर लड़ने को तैयार हैं लेकिन सीटों की चॉइस पर कुछ पेंच फंसा हुआ है।
सूत्रों का कहना है कि मोटे तौर पर राजद 144 के बजाय 130 और कांग्रेस 70 के बजाय 58 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। अन्य सीटें सहयोगी दलों को जा सकती है।
Published on:
07 Oct 2025 07:33 am
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