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चिराग पासवान ने बिहार में खेला बड़ा दांव, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को लेकर होने लगी चर्चा

Bihar Election: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है।

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पटना

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Devika Chatraj

Jun 01, 2025

Chirag Paswan

चिराग पासवान (फोटो - IANS)

Bihar Assembly Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। चिराग के जीजा और सांसद अरुण भारती के एक बयान ने इस चर्चा को और हवा दी। पार्टी की कार्यकारिणी बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि चिराग पासवान को बिहार विधानसभा चुनाव में उतरना चाहिए।

सामान्य सीट से लड़ना चाहते है चुनाव

खास बात यह है कि चिराग किसी आरक्षित सीट के बजाय सामान्य सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। पहले जमुई के सिकंदरा (आरक्षित) सीट से उनके चुनाव लड़ने की अटकलें थीं, लेकिन अब दानापुर जैसी सामान्य सीट से उनके उतरने की संभावना जताई जा रही है, ताकि उनका संदेश दूर तक पहुंचे।

वर्तमान में उद्योग मंत्री

पार्टी सूत्रों के अनुसार, हाल ही में एलजेपी ने एक सर्वे कराया, जिसके आधार पर चिराग के विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया। चिराग वर्तमान में एनडीए सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने बिहार की पांच सीटों पर जीत हासिल की थी, जिसमें चिराग ने हाजीपुर से जीत दर्ज की। अब पार्टी चाहती है कि चिराग विधानसभा चुनाव में उतरकर बिहार के लिए काम करें। सूत्रों का कहना है कि चिराग के लिए पटना, दानापुर या हाजीपुर जैसी सीटें विचाराधीन हैं।

बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट का लगाया नारा

चिराग के इस संभावित फैसले ने बिहार की सियासत में नया मोड़ ला दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग बिहार में एक बड़े चेहरे के रूप में उभरना चाहते हैं। 2013 में राजनीति में कदम रखने के बाद से ही उन्होंने 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' का नारा बुलंद किया और युवाओं के बीच अपनी पैठ बनाई।

तेजस्वी यादव को कड़ी चुनौती

चिराग के इस कदम से राजद नेता तेजस्वी यादव को कड़ी चुनौती मिल सकती है, जो फिलहाल बिहार में युवा नेतृत्व का प्रमुख चेहरा हैं। तेजस्वी को लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक विरासत और मुस्लिम-यादव समीकरण का मजबूत समर्थन प्राप्त है। वहीं, कांग्रेस ने भी कन्हैया कुमार के रूप में एक युवा चेहरा पहले से ही मैदान में उतारा है। ऐसे में चिराग के चुनाव लड़ने से बिहार की सियासत में युवा नेताओं के बीच मुकाबला और दिलचस्प हो सकता है।

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