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आनंद मोहन की रिहाई का आदेश जारी, बिहार सरकार ने नियम में बदलाव कर ‘बाहुबली’ को जेल से निकाला

Anand Mohan Singh Release: बिहार सरकार ने पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की रिहाई का आदेश जारी कर दिया है। आनंद मोहन सिंह IAS अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या मामले में जेल में बंद थे।

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Anand Mohan Singh release from jail

Anand Mohan Singh Release: बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह को अब जेल नहीं जाना होगा। बिहार सरकार ने आनंद मोहन सिंह की रिहाई का आदेश जारी कर दिया है। पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह इस समय बेटे की सगाई के लिए पैरोल पर बाहर आए थे। अब रिहाई का आदेश जारी होने का मतलब है कि उन्हें अब जेल नहीं जाना होगा। आनंद मोहन सिंह की रिहाई से बिहार के राजपूत समाज में खुशी की लहर है। अपने गृह क्षेत्र कोसी-सीमांचल के साथ-साथ पूरे बिहार में आनंद मोहन सिंह राजपूत समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। आनंद मोहन सिंह आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में जेल में बंद थे। गोपालगंज के डीएम रहे जी. कृष्णैया की हत्या 1994 में मुजफ्फरपुर में एक भीड़ द्वारा कर दी गई थी। इस भीड़ के नेतृत्व का आरोप आनंद मोहन सिंह पर लगा था।

आनंद मोहन के साथ-साथ 27 अन्य बंदी भी होंगे रिहा
आनंद मोहन सिंह के साथ-साथ 27 अन्य बंदी भी जेल से रिहा होंगे। सोमवार शाम बिहार सरकार की ओर जारी आदेश में इन सभी का नाम शामिल है। ये सभी बंदी अलग-अलग मामलों में जेल में बंद थे। सरकार के आदेश वाले पत्र में आनंद मोहन सिंह का नाम 11 वें नंबर है। आनंद मोहन की बेटे और शिवहर के राजद विधायक चेतन आनंद की 3 मई को शादी है। आज चेतन आनंद की सगाई है। इस मौके पर बिहार सरकार ने आनंद मोहन की रिहाई का आदेश दिया है।


आनंद मोहन की रिहाई के लिए सरकार ने बदले नियम
आनंद मोहन सिंह की रिहाई के लिए बिहार सरकार ने नियम में बदलाव किया है। बीते 10 अप्रैल को बिहार सरकार ने बिहार कारा हस्तक, 2012 के नियम 481 (I) (क) में बदलाव किया था। इस बदलाव के बाद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया था। आनंद मोहन की रिहाई के फैसले पर बीजेपी सहित कई अन्य दलों ने सवाल भी उठाए। हालांकि कई लोगों ने इस फैसले को सराहा भी है।


सरकार कर्मचारी की हत्या वाला आरोप खत्म


दरअसल, बिहार सरकार कारा हस्तक से उस वाक्यांश को ही विलोपित कर दिया था जिसमें सरकार कर्मचारी की हत्या का जिक्र था। बिहार सरकार ने कारा अधिनियम 1894 की धारा 59 एवं दंड प्रक्रिया संहिता 1973 (1974 का 2) की धारा 432 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बिहार कारा हस्तक 2012 में अधिसूचना निर्गत होने की तिथि से यह संशोधन किया था।

14 साल जेल की सजा काट चुके आनंद मोहन

आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के आरोप 14 साल जेल की सजा काट चुके हैं। उनकी रिहाई की मांग काफी पहले से की जा रही थी। लेकिन नियम में बदलाव के बाद बिहार सरकार ने पूर्व सांसद आनंद मोहन रिहाई पर मुहर लगा दी है। सरकार ने सोमवार शाम को रिहाई के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। कागजी प्रक्रिया के बाद वह स्थायी तौर पर जेल से बाहर आ जाएंगे।

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