scriptSpecial Interview: भाजपा अमीरों की, अमीरों द्वारा, अमीरों के हित की सरकार: पी. चिदंबरम | Bjp government serves rich people interest only says p chidambaram | Patrika News
राष्ट्रीय

Special Interview: भाजपा अमीरों की, अमीरों द्वारा, अमीरों के हित की सरकार: पी. चिदंबरम

केंद्र की भाजपा सरकार में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्तमान कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया। इस बजट को लेकर पत्रिका ने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम का इंटरव्यू किया। चिदंबरम ने बजट और भाजपा सरकार से जुड़े प्रश्नों पर अपनी राय दी।

Feb 02, 2024 / 12:10 pm

स्वतंत्र मिश्र

p_chidambaram_3.jpg

सवाल: अधिकतम शासन और न्यूनतम सरकार के दावे पर क्या कहेंगे?

चिदंबरम: वास्तव में न्यूनतम सरकारी नीति ने संघवाद को कमजोर कर दिया है, राज्य सरकारों को धन की कमी हो गई है और शासन के तीसरे स्तर- पंचायतों और नगर पालिकाओं को वस्तुत: शून्य कर दिया है। अधिकांश लोग अपनी सेवाओं के लिए सरकार के तीसरे स्तर पर निर्भर हैं लेकिन वह स्तर वस्तुत: मानव और वित्तीय संसाधनों से वंचित है। अर्थव्यवस्था और शासन के प्रति एनडीए के दृष्टिकोण में मूलभूत दोष यह है कि यह अमीरों के पक्ष में खड़ी दिखती है। यह अमीरों की, अमीरों द्वारा और अमीरों के लिए सरकार है।

सवाल: बजट में महिलाओं, युवाओं, गरीब और किसान की बात की गई है, कैसे देखते हैं?

चिदंबरम: वित्त मंत्री ने युवाओं की बात की, लेकिन बेरोजगारी पर कोई बात नहीं की। 15-29 वर्ष की आयु के युवाओं में बेरोजगारी दर 10 फीसदी, 25 वर्ष से कम आयु के स्नातकों में बेरोजगारी दर 42.3 फीसदी है। उन्होंने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी को स्वीकार नहीं किया और इस पर एक शब्द भी नहीं कहा कि सरकार इस समस्या का समाधान कैसे करना चाहती है। पिछले 10 वर्षों में जानबूझकर उपेक्षा करके, सरकार ने लाखों युवाओं और उनके परिवारों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। वहीं महिलाओं की सबसे बड़ी चिंता उनके खिलाफ बढ़ते अपराध और बड़े पैमाने पर अवैतनिक रोजगार हैं। पुरुष कैजुअल कर्मचारी महिला श्रमिकों की तुलना में 48 प्रतिशत अधिक कमाते हैं और नियमित पुरुष कर्मचारी महिलाओं की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक कमाते हैं। इस पर कुछ नहीं कहा। आज हर किसान आपको एक कहानी सुनाएगा कि वह खेती से कैसे नाखुश है। वित्त मंत्री ने कृषि श्रमिकों सहित किसानों की आत्महत्या की संख्या का खुलासा नहीं किया।

सवाल: वित्त मंत्री ने जीडीपी बढ़ने का दावा किया है, क्या कहेंगे?

चिदंबरम: वित्त मंत्री ने जीडीपी के बारे में बात की, लेकिन उन्होंने प्रति व्यक्ति आय के बारे में नहीं बात की। उन्होंने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने की बात की, लेकिन उन्होंने ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंक या बच्चों में बड़े पैमाने पर कुपोषण के कारण विकास में बाधा और कमजोरी के उच्च अनुपात के बारे में बात नहीं की। उन्होंने बमुश्किल मुद्रास्फीति का उल्लेख किया, लेकिन उन्होंने इस तथ्य का उल्लेख नहीं किया कि खाद्य मुद्रास्फीति वर्तमान में 7.7 प्रतिशत है।

सवाल: दस साल में बड़ी संख्या में आइआइटी, आइआइएम, एम्स और विश्वविद्यालय स्थापित हुए हैं।

चिदंबरम: कई शैक्षणिक संस्थानों और एम्स जैसे अस्पतालों की स्थापना के दावों को इस तथ्य से परखना चाहिए कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों और केंद्र सरकार की ओर से स्थापित संस्थानों में हजारों शिक्षण पद खाली हैं। विशेष रूप से एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित पद। नए अस्पतालों में पर्याप्त डॉक्टर, नर्स और सहायक चिकित्सा कर्मचारी या उपकरण नहीं हैं। 2024-25 के बजट में स्वास्थ्य के लिए आवंटन 1.8 प्रतिशत और शिक्षा के लिए कुल व्यय का 2.5 प्रतिशत है। इतने कम खर्च में कोई भी दावा पूरा नहीं किया जा सकता।

यह भी पढ़ेंSpecial interview: नई सरकार के गठन के बाद हम जुलाई में बजट पेश करेंगे तब तय करेंगे कि किसको क्या देना है: निर्मला सीतारमण

Hindi News/ National News / Special Interview: भाजपा अमीरों की, अमीरों द्वारा, अमीरों के हित की सरकार: पी. चिदंबरम

ट्रेंडिंग वीडियो