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मौलाना अरशद मदनी के बयान पर भड़के भाजपा नेता शाहनवाज, कहा- मुसलमानों के लिए भारत से बेहतर देश नहीं

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने मौलाना अरशद मदनी के बयान पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां के मुसलमान कई शहरों में मेयर बने हैं, बड़े-बड़े संवैधानिक पदों पर रहे हैं।

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Shahnawaz Hussain

शाहनवाज हुसैन (फोटो- सोशल मीडिया)

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के बयान पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। अरशद मदनी ने अपने बयान में कहा था कि लंदन या न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों में मुसलमान मेयर बन सकते हैं, जबकि भारत में वही व्यक्ति किसी विश्वविद्यालय का कुलपति तक नहीं बन सकता। इस पर भाजपा के नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

हिंदुओं से अच्छा मुसलमानों का कोई दोस्त नहीं: हुसैन

शाहनवाज हुसैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मौलाना अरशद मदनी का बयान अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना और निंदनीय है। मदनी ने भारत को बदनाम करने का काम किया है। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में अल्पसंख्यकों को उतने अधिकार नहीं मिले जितने भारत में मिले हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमानों के लिए भारत से बेहतर कोई देश नहीं, हिन्दुओं से अच्छा कोई दोस्त नहीं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेहतर कोई नेता नहीं मिल सकता है। हमारा देश 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के मंत्र पर चल रहा है।

मुसलमान देश का राष्ट्रपति रह चुका है

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे यहां के मुसलमान कई शहरों में मेयर बने हैं, बड़े-बड़े संवैधानिक पदों पर रहे हैं। भारत का मुसलमान राष्ट्रपति बन सकता है, मुख्य न्यायाधीश बन सकता है। क्रिकेट-हॉकी टीम का कप्तान बन सकता है, वायुसेना का प्रमुख बन सकता है। भारत के मुसलमान को देश का सर्वोच्च पद यानी राष्ट्रपति का पद मिल चुका है। फिर भी मौलाना अरशद मदनी इस तरह के बयान दे रहे हैं।

जमीयत ए उलेमा ए हिंद परिवारवाद का शिकार

भाजपा प्रवक्ता हुसैन ने आगे कहा कि यह सच है कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन अब यह संगठन कांग्रेस की तरह परिवारवाद का शिकार हो चुका है। अपने संगठन के दरवाजे सबके लिए नहीं खोलते। यह कहना कि भारत में मुसलमान दबाए जा रहे हैं और बहुत परेशान हैं, सरासर गलत और गैर-जिम्मेदाराना है। मौलाना अरशद मदनी को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।