
विपक्षी एकता पर भारी पड़ा भाजपानीत एनडीए
नई दिल्ली। विपक्षी एकता पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाला भाजपानीत एनडीए भारी पड़ा और राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक को मतदान के जरिए गिराने की विपक्षी दलों की कोशिशों पर पानी फिरता नजर आया। राज्यसभा ने बहुमत से विधेयक पारित कर दिया। विधेयक के पक्ष में 131 व विपक्ष में 102 वोट पड़े। लोकसभा में विधेयक गत 3 अगस्त को ही पारित हो चुका है। विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा।
इससे पहले अधिनियम पर लगभग दिनभर चली चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि यह बिल किसी प्रधानमंत्री को बचाने के लिए या आपातकाल के लिए नहीं लाया गया है। देश पर आपातकाल थोपने वाली कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का कोई हक नहीं है। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीत शाह ने दिल्ली सरकार के अधिकार छीनने के आरोप पर कहा कि उन्हें किसी की शक्तियां लेने की जरूरत नहीं है। देश के 130 करोड़ लोगों ने उन्हें पहले से शक्ति दे रखी है।
उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसी भी तरह से उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन नहीं करता। विधेयक दिल्ली सरकार के अधिकारियों के तबादले-पदस्थापन जैसे सेवा नियमों को लेकर लाए गए केंद्र के अध्यादेश का स्थान लेने के लिए लाया गया है। इसके किसी भी प्रावधान परिवर्तन नहीं किया गया है। इसका एक भी प्रावधान गलत नहीं है। विधेयक का मतलब दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है।
शीशमहल पर हंगामा
शाह ने भाषण के दौरान केजरीवाल सरकार पर भी जमकर हमले किए। उन्होंने मुख्यमंत्री निवास की मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाने का उल्लेख करते हुए सीएम आवास को शीशमहल कहा तो सदन में हंगामा हो गया। विपक्षी सदस्यों ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया। इस पर उन्हें कुछ देर तक अपना भाषण रोकना पड़ा। बाद में उन्होंने कहा कि शीशमहल शब्द असंसदीय नहीं है, बल्कि उन्होंने हकीकत बयान की है। हंगामें के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने टीएमसी के डेरेक ओब्रायन को चेतावनी तक देनी पड़ी।
मनमोहन भी पहुंचे
अस्वस्थता के कारण सदन की बैठक में नहीं आ पा रहे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भी अधिनियम पर मतविभाजन में शामिल होने के लिए राज्यसभा पहुंचे। उन्हें व्हील चेयर पर सदन में लाया गया। अधिनियम पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह के जवाब से मतविभाजन के दौरान वे सदन में मौजूद रहे।
परची से करवाना पड़ा मतविभाजन
विधेयक पर चर्चा के बाद उपसभापति हरिवंश ने अधिनियम पर मतविभाजन करवाने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। लॉबी क्लियर करवाने के बाद महासचिव ने इलेक्ट्रोनिक वोटिंग की प्रक्रिया बताई और जैसे ही मतविभाजन के लिए बेल बजाई गई, ऑटोमेटिक वोट रिकार्डिंग मशीन में तकनीकी खराबी आ गई। इसके बाद परची के जरिए मतविभाजन करवाया गया। सदस्यों को मतदान पर्ची उपलब्ध करवाई गई। इस पर सदस्यों ने अपना मत अंकित किया।
Published on:
08 Aug 2023 09:40 am
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