
RJD leader Tejashwi Yadav: राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने आज अपने उस वीडियो का बचाव किया जिसमें उन्हें हेलीकॉप्टर में मछली खाते हुए दिखाया गया था। इस वीडियो पर एक्स यूजर्स ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बिहार के नेता नवरात्रि के दौरान मांसाहारी भोजन का सेवन कर रहे थे। नवरात्र पर मां दुर्गा की पूजा होती है। पहली पूजा 9 अप्रैल को थी। इस दौरान मां दुर्गा के भक्त शाकाहारी भोजन का पालन करते हैं। तेजस्वी यादव ने आज पलटवार करते हुए कहा कि उनके पोस्ट में उल्लेख किया गया था कि वीडियो 8 अप्रैल का है जो कि नवरात्रि शुरू होने से एक दिन पहले का है।
बीजेपी के फॉलोअर्स का आईक्यू टेस्ट करने के लिए वीडियो डाला
तेजस्वी यादव ने कहा “ हमने ये वीडियो बीजेपी और गोदी मीडिया के फ़ॉलोअर्स का आईक्यू टेस्ट करने के लिए अपलोड किया था और हम अपनी सोच में सही साबित हुए। उन्होंने एक्स पर अपने ट्वीट में लिखा है "दिनांक" यानी तारीख, लेकिन बेचारे अंधभक्तों को क्या पता? इस वीडियो के अंत में मुकेश साहनी ने मिर्च लगने का भी जिक्र किया है।
वीडियो शेयर करते ही शुरू हो गई ट्रोलिंग
राजद नेता तेजस्वी ने जब कल रात अपना और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी का एक हेलीकॉप्टर में एक साथ भोजन करते हुए एक वीडियो इस कैप्शन 'चुनाव की हलचल के बीच हेलीकॉप्टर में खाना' के साथ साझा किया तो उसके कुछ देर बाद ही ट्रोलिंग शुरू हो गई।
तेजस्वी यादव ने कोसी नदी की चेचड़ा मछली का किया सेवन
तेजस्वी यादव ने वीडियो में बताया कि चुनाव प्रचार की व्यस्तता के बीच उन्हें दोपहर के भोजन के लिए सिर्फ 10-15 मिनट का समय ही मिल पाता है। उन्होंने अपने खाने का डिब्बा खोलकर भी दिखाया कि वह मछली और रोटी खा रहे हैं। क कांटे की मछली है और बहुत स्वादिष्ट है। उन्होंने बताया कि खाने में मिथलांचल क्षेत्र में कोसी नदी में पाई जाने वाली चेचड़ा मछली है। बेल का जूस, तरबूज का जूस, सत्तू और मट्ठा है। उन्होंने बताया कि गर्मी में शरीर में पानी की कमी ना हो जाएं इसलिए बेल का जूस, तरबूज का जूस, मट्ठा और सत्तू पीया जाता है। यह सभी बिहारियों का खाना है। इस वीडियो के एक्स पर पोस्ट होने के बाद ही नवरात्रि के दौरान नॉन-वेज खाना खाने पर बहस छिड़ गई।
गिरिराज सिंह ने तेजस्वी यादव को बताया मौसमी सनातनी
गिरिराज सिंह ने कहा, तेजस्वी यादव तुष्टिकरण को बढ़ावा देने वाले 'मौसमी सनातनी' हैं और जब उनके पिता (लालू यादव) सत्ता में थे तब कई लोग चाहे वे रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी घुसपैठिए यहां आए। वे सनातन का मुखौटा पहनकर तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं।
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Updated on:
10 Apr 2024 04:30 pm
Published on:
10 Apr 2024 03:49 pm
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