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BJP की सहयोगी पार्टी ने खोल दिया मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा, आज दिल्ली में भरेगी हुंकार

BJP, टिपरा मोथा पार्टी के साथ त्रिपुरा में सरकार है, लेकिन TMP ने बीते साल मार्च में हस्ताक्षरित त्रिपक्षीय समझौते को लागू करने की मांग को लेकर सरकार पर हमलावर है। आज पार्टी दिल्ली में प्रदर्शन करेगी। पढ़िए पूरी खबर...

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TMP Chief Pradyut Debbarma

TMP चीफ प्रद्युत देबवर्मा (फोटो-IANS)

पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में भाजपा (BJP) और टिपरा मोथा पार्टी (TMP) की गठबंधन की सरकार है। टिपरा मोथा अब बीजेपी से नाराज चल रही है। अपनी मांगों को मनवाने के लिए पार्टी आज दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेगी। टिपरा मोथा तिप्रासा समझौते लागू करना और अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमलावर है। इसके साथ ही, TMP ने 'ग्रेटर टिपरालैंड' को संवैधानिक मान्यता की मांग भी की है।

टीएमपी के मीडिया समन्वयक लामा देबबर्मा ने कहा कि मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में जंतर-मंतर के पास अपनी मांगों को उजागर करने के लिए प्रदर्शन किया जाएगा। TMP नेता कहा कि पिछले साल मार्च में हस्ताक्षरित त्रिपक्षीय समझौते, जिस पर केंद्र सरकार, राज्य सरकार और पार्टी के नेताओं ने हस्ताक्षर किए थे। उन पर कोई ठोस प्रगति नहीं होने के कारण पार्टी के कार्यकर्ता व त्रिपुरा की जनता प्रदर्शन करेगी।

सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए

टीएमपी प्रमुख प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मा ने रविवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि सरकार द्वारा त्रिपक्षीय समझौते में किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं, जबकि एक साल से भी अधिक समय बीत चुका है। देबबर्मा ने सभी राजनीतिक दलों के आदिवासी नेताओं से आदिवासियों के हित और स्थानीय लोगों के जीवन, संस्कृति और विरासत की रक्षा के लिए 9 सितंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले उनके प्रदर्शन में शामिल होने का आग्रह किया।

भारत सरकार घुसपैठियों को बाहर निकाले

टीएमपी सुप्रीमो ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में मंगलवार का प्रदर्शन आदिवासियों के हित में एक गैर-राजनीतिक कार्यक्रम है। वहां किसी भी पार्टी का झंडा नहीं फहराया जाएगा। देबबर्मा ने आदिवासियों से 9 सितंबर को त्रिपुरा के सभी गांवों, शहरों और इलाकों में अपनी तीन मांगों को लेकर इसी तरह के प्रदर्शन करने का आग्रह किया है।

आदिवासी नेता ने अवैध घुसपैठियों के मुद्दे पर कहा कि अगर अमेरिका भारतीयों को हथकड़ी लगाकर वापस भेजता है, तो भारत सरकार भारत में रह रहे अवैध घुसपैठियों के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?

बीते साल सरकार में हुई शामिल

एक साल तक चली गहन बातचीत और पिछले साल 2 मार्च को केंद्र और त्रिपुरा सरकार के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, तत्कालीन विपक्षी टीएमपी 13 विधायकों के साथ पिछले साल 7 मार्च को राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शामिल हो गई। टीएमपी के दो विधायकों, अनिमेष देबबर्मा और बृषकेतु देबबर्मा को मुख्यमंत्री माणिक साहा के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।

स्वायत्त जिला परिषद में TMP का शासन

टीएमपी 30 सदस्यीय राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) का संचालन कर रही है, जिसका अधिकार क्षेत्र त्रिपुरा के 10,491 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के दो-तिहाई हिस्से पर है और जहां 12,16,000 से अधिक लोग रहते हैं, जिनमें से लगभग 84 प्रतिशत आदिवासी हैं।