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तमिलनाडु में सुबह-सुबह CM आवास को बम से उड़ाने की धमकी, कंट्रोल रूम में कॉल आते ही मच गई खलबली!

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के अलवरपेट आवास पर बम होने की धमकी मिली। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बम निरोधक दस्ता और खोजी कुत्ते की टीम भेजी। पूरे परिसर में गहन तलाशी अभियान चलाया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है और धमकी देने वाले की पहचान करने की कोशिश कर रही है।

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Bomb Threat in Chennai (Image: Patrika)

तमिलनाडु में सुबह-सुबह एक अज्ञात कॉलर ने चेन्नई पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया। उसने दावा किया कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के अलवरपेट स्थित आवास पर बम रखा गया है। इस कॉल के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई। धमकी मिलने के तुरंत बाद हाई लेवल सुरक्षा बल हरकत में आ गए।

पुलिस ने एक बम निरोधक दस्ते और एक खोजी कुत्ते की टुकड़ी को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर भेज दिया। पूरे परिसर में गहन तलाशी अभियान चलाया गया।

अधिकारियों ने घर और उसके आसपास के हर कोने की तलाशी ली। एक घंटे से ज्यादा समय तक चली तलाशी के बाद, पुलिस ने बताया कि बम की खबर झूठी थी। परिसर में कोई विस्फोटक सामग्री या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।

कॉल करने वाले व्यक्ति का पता लगाने में जुटी टीम

अब अधिकारी यह पता लगाने में जुट गए हैं कि आखिर कॉल पर बम रखने की धमकी किसने दी थी। बताया जा रहा है कि यह कॉल एक मोबाइल फोन से की गई थी। नंबर का पता लगाने और कॉल करने वाले की पहचान करने के प्रयास जारी हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस घटना को गंभीरता से लिया जा रहा है। दहशत फैलाने की कोशिश करने वाले व्यक्ति के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जांच में साइबर टीम को किया गया शामिल

जांच में सहायता के लिए साइबर और तकनीकी टीमों को शामिल किया गया है। यह पहली बार नहीं है जब तमिलनाडु में इस तरह की फर्जी बम धमकियां मिली हैं।

पिछले एक साल में, कई प्रमुख स्थानों को बम से उड़ाने की फर्जी धमकियां मिल चुकी हैं। इसके कारण अक्सर जगह को खाली कराने और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की जरूरत पड़ी है।

अप्रैल 2023 में, चेन्नई और कोयंबटूर के कई स्कूलों को बम रखे जाने की चेतावनी वाले ईमेल मिले, जो झूठे निकले। 2024 की शुरुआत में मद्रास उच्च न्यायालय परिसर को निशाना बनाकर एक धमकी भरा कॉल आया, जिसके कारण क्षेत्र में अस्थायी रूप से तालाबंदी कर दी गई।

सुरक्षा विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बार-बार फर्जी कॉल आने से आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियां कमजोर हो सकती हैं और बहुमूल्य सार्वजनिक संसाधनों का दोहन हो सकता है।

पुलिस ने जनता से ऐसी शरारतों से बचने की अपील की है और इस बात पर जोर दिया है कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।