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बिहार की नई सरकार में ऐसे साधा गया जातीय समीकरण, जानें- किस समाज से कितने मंत्री?

बिहार में नीतीश कुमार और बीजेपी ने मिलकर फिर से नई सरकार बना ली है। नई सरकार में दो कुर्मी, दो भूमिहार, यादव, कोइरी, मुसहर, राजपूत और कहार जातियां शामिल की गई है।

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नीतीश कुमार रविवार को एक बार फिर बिहार के सीएम बन रहे हैं। बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण खास मायने रखता है। नई सरकार में भी इसका पूरा ध्यान रखा गया है। नई सरकार में भी जाति आधारित समीकरण को साधने की पूरी रूपरेखा तैयारी की गई। नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में दो कुर्मी, दो भूमिहार, यादव, कोइरी, मुसहर, राजपूत और कहार जैसी जातियों के चेहरे शामिल किए हैं। आइये जानते हैं किस समाज से कितने मंत्री बने।

नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री (कुर्मी )

9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार खुद कुर्मी समाज से हैं, जो पार्टी का बड़ा वोट बैंक है। इसके अलावा नीतीश कैबिनेट में अन्य चेहरों को भी जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए जगह दी गई है। विजय चौधरी-भूमिहार जाति से आते हैं, विजेंद्र प्रसाद यादव-यादव समाज, श्रवण कुमार-कुर्मी, प्रेम कुमार-कहार (ईबीसी), संतोष कुमार सुमन, मुसहर (दलित) और सुमित सिंह-राजपूत जाति से आते हैं।

सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री (कोइरी-कुशवाहा)

बिहार भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। 54 वर्ष के चौधरी कोइरी (कुशवाहा) जाति से आते हैं। 2023 में भाजपा ने कुशवाहा समाज के वोट साधने के लिए उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था।
विरासत में मिली राजनीति : राजद और जदयू में रहे सम्राट चौधरी 2017 में भाजपा में शामिल हुए। पिछली एनडीए सरकार में पंचायतीराज मंत्री थे। 1999 में राजनीति में आए। उनके पिता शकुनी चौधरी लाल के करीब रहे हैं। वह कई बार खगडिय़ा से विधायक और एक बार सांसद रहे। उनकी मां पार्वती देवी भी विधायक रही हैं।

विजय सिन्हा, उप मुख्यमंत्री (भूमिहार)

नई सरकार के दूसरे डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा भूमिहार जाति से आते हैं। चूंकि बिहार में भूमिहार जाति के लोग बड़ी संख्या में है, लिहाजा सिन्हा को बड़ी जिम्मेदारी इसी समीकरण का हिस्सा है। 55 वर्षीय सिन्हा बचपन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे।

समर्पित कार्यकर्ता की छवि

वर्ष 200 में भाजयुमो के प्रदेश संगठन के प्रभारी की जिम्मेदारी संभाली। 2010 से लगातार तीसरी बार लखीसराय से विधायक। 2017 में भाजपा-जदयू सरकार में श्रम मंत्री थे। इंजीनियरिंग छोड़ राजनीति में आए। समर्पित नेता और पार्टी कार्यकर्ता की छवि।

किसने, क्या कहा ?
थरूर ने कहा, स्नोलीगोस्टर

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने नीतीश कुमार के लिए दूसरी बार ‘स्नोलीगोस्टर’ शब्द का इस्तेमाल किया। स्नोलीगोस्टर का अर्थ होता है चतुर और सिद्धांतहीन राजनीतिज्ञ। इससे पहले 2017 में नीतीश जब राजद-कांग्रेस का साथ छोडकऱ जब एनडीए में लौटे तो थरूर ने लिखा था ‘आज का शब्द-स्नोलीगोस्टर’। अब उसी मैसेज को टैग करते हुए उन्होंने लिखा-मुझे अहसास नहीं था कि इस शब्द का इस्तेमाल दोबारा होगा।

कांग्रेस नेतृत्व छीनना चाहती थी : त्यागी

जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, कांग्रेस ‘इंडिया’ गठबंधन का नेतृत्व छीनना चाहती थी। 19 दिसंबर की बैठक में साजिश के तहत गठबंधन का नेतृत्व पाने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रस्तावित किया गया। इससे पहले मुंबई में सर्वसम्मत फैसला हुआ था कि बिना पीएम चेहरे के गठबंधन रहेगा। इंडिया गठबंधन के पास भाजपा के खिलाफ लडऩे की योजना नहीं है।

अगले साल तक नहीं टिकेगा गठबंधन : प्रशांत किशोर

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा, आज की घटना ने साबित कर दिया कि बिहार में सिर्फ नीतीश कुमार ही नहीं बल्कि सभी पार्टी 'पलटूराम' है। उन्होंने दावा किया कि 2025 के विधानसभा चुनाव में ये गठबंधन भी नहीं चल पाएगा। इस घटना से बीजेपी को बड़ा नुकसान होगा। किशोर ने कहा, वह किसी भी गठबंधन में रहें, अगले विधानसभा चुनाव में 20 ज्यादा सीटें नहीं जीत पाएंगे।

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लालू की बेटी ने कहा, कूड़ा मुबारक

लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने ‘एक्स’ पर एक कचरा वाहन की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, कूड़ा गया फिर से कूड़ेदानी में - कूड़ा मंडली को बदबूदार कूड़ा मुबारक। उन्होंने अपने भाई और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का एक वीडियो साझा करते हुए एक पोस्ट में कहा, जनता जनार्दन के बीच जाएंगे, खुद के साथ-साथ बिहार का हौसला भी बढ़ाएंगे।


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