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सरकार ने FCRA को बनाया और सख्त, 2011 के नियमों में किये 7 बड़े बदलाव

Centre amends FCRA 2011 rules: केंद्र सरकार ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA), 2011 में सात बड़े संशोधन किये हैं। ये संशोधन विदेश अनुदान का इस्तेमाल देश के खिलाफ न किया जा सके इस वजह से किये गए हैं। ये संशोधन कई नियमों में किये गए हैं।

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Mahima Pandey

Jul 02, 2022

Centre makes FCRA stricter, amends 2011 rules

Centre makes FCRA stricter, amends 2011 rules

केंद्र सरकार ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA), 2011 में संशोधन किया है। इस संशोधन का उद्देश्य ऐसी गतिविधियों को रोकना है जो विदेशी फंड के जरिए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। नए नियम को अब विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) नियम 2022 का नाम दिया गया है जो 1 जुलाई से ही प्रभावी हो गया है। इस संबंध में गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर सभी शीर्ष अधिकारियों को भी अवगत करा दिया है। इस नए नियम के तहत विदेश में रह रहे रिश्तेदारों व घरवालों को 10 लाख रुपये तक की मदद भेज सकते हैं और इसके लिए उन्हें किसी अधिकारी को भी सूचित करने की आवश्यकता नहीं हीगी। ये सीमा पहले केवल 1 लाख रुपये तक ही थी।

गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि "विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 (2010 का 42) की धारा 48के तहत केंद्र सरकार ने विदेशी अंशदान (विनियमन) नियमावली 2011 में संशोधन कर नए नियम जोड़े हैं। ये नियम विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन नियम, 2022 कहा जाएगा।" इस नए नियम में सात नए संशोधन किये गए हैं।

क्या हुआ है संशोधन?
इनमें से नियम 6 में दो संशोधन जोड़े गए हैं। इस नियम में एक लाख रुपये शब्द को 'दस लाख रुपये' और 'तीस दिन' शब्दों को 'तीन महीने' शब्द से बदलकर कर दो संशोधन किए गए हैं। इसका अर्थ ये है कि यदि विदेश से कोई राशि 10 लाख रुपये से अधिक होगी तो इसकी सूचना 90 दिन पहले अधिकारियों को देनी होगी।

-नियम 9 के उपनियम (1) के क्लॉज़ (e) में भी संशोधन किया गया है। इसमें 'पंद्रह दिन' शब्द के स्थान पर 'पैंतालीस दिन' शब्द किया गया है; और उपनियम (2) में, खंड (e) में, 'पंद्रह दिन' शब्द के स्थान पर, 'पैंतालीस दिन' किया जाएगा। इसका अर्थ ये है कि अब किसी भी व्यक्ति और संगठनों या गैर सरकारी संगठनों (NGO) को बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी गृह मंत्रालय को 45 दिन के अंदर देनी होगी।

-नियम 13 के क्लॉज़ (b) को नए नियम से हटा दिया गया है; और नियम 17A में पंद्रह दिनों के शब्दों के लिए, पैंतालीस दिन शब्दों को प्रतिस्थापित किया जाएगा। इसका मतलब ये है कि अब बैंक खाते, नाम, पता, टारगेट या संगठन के प्रमुख सदस्यों को विदेशी धन प्राप्त करने के लिए गृह मंत्रालय को 15 दिन की बजाय 45 दिनों का समय दिया गया है।
-आखिरी संशोधन नियम 20 में किये गए हैं। इसमें 'ऑन अ प्लेन पेपर' शब्दों के लिए “ऐसे रूप और तरीके से, केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक रूप के साथ” शब्दों को बदल दिया जाएगा।

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पहले भी किये गए हैं संशोधन
29 अप्रैल 2011 को मुख्य नियम प्रकाशित हुए थे जिसे 12 अप्रैल 2012 में संशोधित किया गया था, इसके बाद 14 दिसंबर 2015 में, 2019 में 7 मार्च और 16 सितंबर को संशोधित किया गया। ये संशोधन फिर 2020 और 2021 में भी हुए थे।

क्या है FCRA?
बता दें कि एफसीआरए (FCRA) को 1976 में बनाया गया था और तबसे इसमें कई संशोधन किया जा चुका है। इसके तहत विदेशों से मिलने वाले दान को नियंत्रित किया जा जाता है ताकि इसका इस्तेमाल देश हित के खिलाफ न किया जा सके। हालांकि, पिछले कुछ समय में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें NGOs द्वारा विदेश धन का इस्तेमाल देश के खिलाफ किया गया है। चाहे वो दिल्ली दंगा हो या असम में हुई हिंसा। ऐसे में केंद्र सरकार ने इन नियमों में सख्त कर दिया है।