20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चंडीगढ़ में नहीं बनेगी हरियाणा की विधानसभा, केंद्र सरकार ने CM सैनी को मामला आगे नहीं बढ़ाने की दी सलाह

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हरियाणा सरकार की चंडीगढ़ में नया विधानसभा भवन बनाने की मांग को खारिज कर दिया है और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को इस मामले को आगे न बढ़ाने की सलाह दी है। पंजाब सरकार ने इस फैसले का स्वागत किया है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Himadri Joshi

Dec 01, 2025

Haryana CM Nayab Singh Saini

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (फोटो- एएनआई)

केंद्र ने हरियाणा सरकार की चंडीगढ़ में नया विधानसभा भवन बनाने की मांग को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के सीएम नायब सिंह सैनी को इस मामले को आगे नहीं बढ़ाने की भी सलाह दी है। गृह मंत्रालय ने सीएम सैनी से कहा कि वह अब इस मामले में चंडीगढ़ प्रशासन से किसी तरह की कार्रवाई न करें। केंद्र के इस फैसले से जहां हरियाणा सरकार में नाराजगी है वहीं पंजाब सरकार ने इसका स्वागत किया है।

पहले भी हरियाणा के बदले पंजाब के पक्ष में लिया फैसला

इससे पहले भी केंद्र हरियाणा और पंजाब से जुड़े मुद्दों में पंजाब के पक्ष में फैसला ले चुका है। इससे पहले केंद्र ने चंडीगढ़ को स्वतंत्र यूनियन टेरेटरी (UT) बनाने का ऐलान करने के लिए 131वें शोध बिल को वापस लेकर पंजाब के लिए एक बड़ा फैसला लिया था। इसी कड़ी में अब चंडीगढ़ में हरियाणा का विधानसभा भवन बनाने की मंजूरी न देना दूसरा महत्वपूर्ण फैसला है।

2023 में चंडीगढ़ में मिली थी जमीन

बता दें कि, जुलाई 2022 में जयपुर में आयोजित उत्तरी जोनल काउंसिल की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हरियाणा को नई विधानसभा के लिए भूमि आवंटित करने की बात कही थी। इस घोषणा के एक साल बाद जुलाई 2023 में यूनियन टेरेटरी ने चंडीगढ़ के आईटी पार्क के पास रेलवे लाइट पॉइंट के नजदीक हरियाणा को 10 एकड़ जमीन देने पर सहमती जताई थी। इस जमीन की कीमत करीब 640 करोड़ रुपए मानी जा रही है।

UT प्रशासन ने ठुकराया प्रस्ताव

नियमों के अनुसार, इसके बदले हरियाणा ने UT प्रशासन को पंचकूला के सेक्टोरियल क्षेत्र के पास 12 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन जनवरी 2024 में किए गए विस्तृत सर्वे के बाद UT प्रशासन ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इस रिपोर्ट में जमीन के बीच से नाला गुजरने और इसकी कनेक्टिविटी ठीक न होने की बात कह कर इस जमीन को सार्वजनिक उपयोग के लिए अनुपयुक्त बता दिया था।

इस मुद्दे पर अब और चर्चा नहीं- केंद्र

इसके बाद केंद्र में महीनों तक यह मुद्दा चला जिसके बाद अब गृह मंत्रालय ने सीएम सैनी को यह साफ कर दिया है कि इस मुद्दे पर अब और चर्चा नहीं की जाएगी। वहीं पंजाब सरकार जो शुरु से ही चंडीगढ़ में हरियाणा का विधानसभा भवन बनने के खिलाफ थी उन्होंने इस फैसले का स्वागत किया है। पंजाब से आप पार्टी के विधायक गुरलाल घनौर ने कहा, चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है। यहां नई विधानसभा के निर्माण को हम कभी मंजूरी नहीं देंगे।

पंजाब सरकार ने किया फैसले का स्वागत

पंजाब के पूर्व मंत्री व अजनाला के विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा, हरियाणा लंबे समय से चंडीगढ़ में नई विधानसभा बनाने की मांग कर रहा था। लेकिन हमारे मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले ही केंद्र से मांग कर चुके है कि चंडीगढ़ पंजाब का है, पंजाब की जमीन पर बना है। यहां हरियाणा को विधानसभा बनाने के लिए मंजूरी नहीं दी जा सकती है। कुलदीप धालीवाल ने कहा, मैं केंद्र के इस फैसले का स्वागत करता हूं। इस चीज पर डटकर स्टैंड लेने के बाद यह फैसला लिया गया है। केंद्र को चंडीगढ़ पर अपनी नीति साफ कर लेनी चाहिए कि यह पंजाब का है और यहां किसी और का क्लेम नहीं है।