
Chandrayaan Mission: चंद्रयान-3 से इतिहास रचने के बाद भारत चंद्रयान-4 अभियान की ओर बढ़ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सूत्रों के मुताबिक चंद्रयान-3 के मुकाबले चंद्रयान-4 बारह गुणा भारी होगा। इसरो के स्पेस एप्लिकेशंस सेंटर (एसएसी) के निदेशक नीलेश देसाई ने बताया कि चंद्रयान के रोवर का वजन 350 किलोग्राम होगा, जबकि चंद्रयान-3 के रोवर का वजन 30 किलो था। रोवर के आकार में बढ़ोतरी इसरो के उस व्यापक प्लान का हिस्सा है, जिसके तहत चांद की सतह पर खोज करना और नमूने पृथ्वी पर लाना शामिल है। खास बात यही है कि चंद्रयान-4 मिशन का मकसद सिर्फ चांद पर लैंडिंग नहीं, बल्कि पृथ्वी पर सैंपल लाना भी है। चंद्रयान-3 ने अगस्त 2023 में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की थी।
रिपोर्ट के मुताबिक नया रोवर ज्यादापेलोड के साथ खोज के लिए बड़े इलाकों में मददगार होगा। पहले भेजे गए प्रज्ञान रोवर ने 500500 मीटर का एरिया कवर किया था। नया रोवर 11 किमी का एरिया कवर कर सकता है। इससे चांद पर रिसर्च का दायरा बढ़ जाएगा।
नीलेश देसाई ने संभावना जताई कि चंद्रयान-4 मिशन 2030 तक लॉन्च किया जा सकता है। मिशन में पांच मॉड्यूल भेजे जाएंगे। सभी चांद की सतह पर मिलकर काम करेंगे। मिशन इस लिहाज से विशेष होगा कि अब तक इतने मॉड्यूल अमरीका और चीन ने ही चांद पर भेजे हैं।
Published on:
28 Nov 2024 09:09 am
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