छात्र ने मचाया उत्पात
इसी बीच सभा स्थल के बाहर एनआइटी के एक छात्र ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया। वह जोर-जोर से बोलने लगा कि प्रधानमंत्री का दौरा है, इसका मतलब ये तो नहीं वाहनों का संचालन बंद कर दिया जाए। वो अनंतनाग से आ रहे हैं और श्रीनगर में उन्हें कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा फिर भी उनकी क्लास छूट गई है। इन्होंने कश्मीर को पिंजरा बनाकर रखा है। प्रधानमंत्री को यहां आना है तो क्या स्टूडेंट को पैदल चलना पड़ेगा। राजनीतिक कार्यकर्ताओं को सेफ जोन मिलता है। उन्हें गाडिय़ों में जाने दिया जा रहा है। आम लागों को रोका जाता है। यह कैसा लोकतंत्र है। जब आर्टिकल 370 तोड़ा तब भी स्टूडेंट के बारे में नहीं सोचा गया। अब भी नहीं सोच रहे।
सभा स्थल पर प्रवेश से पहले दस जगह सुरक्षा जांच
इस पर जम्मू-कश्मीर पुलिस, केन्द्रीय सुरक्षा बल और सेना के अधिकारी उसके पास गए और शांत होने के लिए कहा। उसके बाद उससे पूछताछ की गई। सबका मकसद जम्मू कश्मीर की तेज तरक्की सभा स्थल पर करीब दस जगह सुरक्षा जांच की गई, इसके बाद ही लोगों को पंडाल में प्रवेश करने दिया। इसके बाद जब जनसभा शुरू हुई तो पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत कश्मीरी भाषा में की। उन्होंने कहा कि हम सब का मकसद जम्मू कश्मीर की तेज तरक्की है। तेज तरक्की का जज्बा और बुलंद करने के पैगाम के साथ मैं आपके बीच में आया हूं। मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जम्हूरियत का त्योहार चल रहा है। पहली बार दहशतगर्दी के साए के बिना राज्य में वोटिंग हुई है। हम सभी के लिए ये खुशी और गर्व की बात है कि इतनी बड़ा तादाद में लोग वोटिंग लिए घरों से बाहर निकले। किश्तवाड़ में 80 फीसदी से ज्यादा वोटिंग, डोडा में 71 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग। ये नया इतिहास बना है। ये इतिहास जनता ने रचा है।
PM मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले जब जम्मू-कश्मीर आया था तो कहा था कि यहां की बर्बादी के लिए तीन खानदान जिम्मेदार हैं। तब से दिल्ली से लेकर कश्मीर तक ये लोग बोखलाए हुए हैं। तीन खानदानों को लगता है कि इन पर कोई कैसे सवाल उठा सकता है। इन्हें लगता है जैसे तैसे कुर्सी पर कब्जा करना और लोगों को लूटना इनका पैदायशी हक है। जम्मू कश्मीर की आवाम को जायज हक से अलग रखना ही इनका सियासी एजेंडा रहा है। इन्होंने जम्मू कश्मीर को केवल डर और अराजकता ही दी है। पीएम मोदी ने कहा कि इन तीन खानदानों के राज में जम्मू कश्मीर के नौजवानों ने जो भोगा है जो तकलीफ सही वो अक्सर बाहर नहीं पाती है।