
आज चाइल्ड कैंसर डे (Child Cancer Day) है और आजकल बच्चों में कैंसर के मामले कुछ ज्यादा ही सामने आ रहे हैं, इसके पीछे भागदौड़ भरी जिंदगी कहीं हद तक जिम्मेदार है। आज हम बच्चों में किस तरह के कैंसर के ज्यादा हो रहे हैं और कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हैं उसपर बात करेंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक कैंसर के मुख्य कारणों में भयावह संक्रमण, (Accute Infection) जैसे एचआईवी, एप्सेटन बेर्र वायरस और मलेरिया है, जो बच्चों में कैंसर को फैलाते हैं। हर साल चाल लाख बच्चे 19 साल के उम्र के किशोर में कैंसर की कोशिकाएं विकसित होती हैं।
यह कैंसर बच्चों में पाया जानेवाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है। सभी कैंसरों में से लगभग 30 फीसदी मामले इसके होते हैं। ल्यूकेमिया व्हाइट ब्लड सेल्स का एक कैंसर है, व्हाइट ब्लड सेल्स (White Blood Cells) शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। बच्चों में ल्यूकेमिया के दो प्रकार आमतौर पर पाए जा सकते हैं- एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया , एक्यूट मायलोजेनस ल्यूकेमिया
यह बच्चों में पाया जानेवाला दूसरा सबसे आम प्रकार का कैंसर है। इस कैंसर से लगभग 26 फीसदी बच्चे पीड़ित होते हैं। यह कैंसर मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के विभिन्न हिस्सों में हो सकते हैं।
यह कैंसर आमतौर पर अधिवृक्क ग्रंथियों (एड्रेनल ग्लैंड) में विकसित होता है, एड्रेनल ग्लैंड्स मानव शरीर में किडनी के ऊपर होती हैं। बच्चों में पाए जानेवाले सभी कैंसरों में से लगभग 6 फीसदी मामले न्यूरोब्लास्टोमा के होते हैं।
विल्म्स ट्यूमर (Wilms Tumor): विल्म्स ट्यूमर या नेफ्रोब्लास्टोमा, एक किडनी कैंसर है और यह 3 से 4 साल के बच्चों को मुख्य रूप से अपनी चपेट में लेता है। बच्चों में पाए जानेवाले सभी कैंसरों में से इसके मामले लगभग 5 फीसदी होते हैं।
बच्चों को होनेवाले बोन कैंसर में ऑस्टियो सार्कोमा जो आमतौर पर पैरों या बांहों की लंबी हड्डियों में होता है, इविंग सार्कोमा जो अक्सर पेल्विस, छाती की दीवार(चेस्ट वॉल) या लंबी हड्डियों में होता है,
Updated on:
15 Feb 2024 03:57 pm
Published on:
15 Feb 2024 10:23 am
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