Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘दलित का सर्वोच्च कुर्सी पर बैठना इन्हें बर्दाश्त नहीं’… CJI पर हुए हमले के लिए केजरीवाल ने BJP को ठहराया जिम्मेदार

"दलित का सर्वोच्च कुर्सी पर बैठना इन्हें बर्दाश्त नहीं।" CJI मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने BJP पर निशाना साधा।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Devika Chatraj

Oct 07, 2025

CJI मामले में केजरीवाल ने BJP पर बोला हमला

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस बी.आर. गवई (B R Gavai) पर एक वकील द्वारा जूता फेंकने की घटना ने पूरे देश में राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और आप नेता सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने इस हमले के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) को सीधे जिम्मेदार ठहराते हुए तीखा प्रहार किया है।

क्या है पूरा मामला?

घटना रविवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान घटी, जब एक वकील ने CJI गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की। वकील को तुरंत हिरासत में ले लिया गया। इस घटना पर केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, "दलित का सर्वोच्च कुर्सी पर बैठना इन्हें बर्दाश्त नहीं।" उन्होंने इस घटना को न केवल न्यायपालिका पर हमला, बल्कि दलित समुदाय और संविधान की आत्मा पर प्रहार बताया।

केजरीवाल का BJP पर जोरदार हमला

केजरीवाल ने अपनी पोस्ट में BJP को निशाने पर लेते हुए लिखा, "एक दलित बेटे का मेहनत और ईमानदारी से देश की सर्वोच्च कुर्सी तक पहुंचना BJP को बर्दाश्त नहीं हो रहा। यह हमला सिर्फ एक जज पर नहीं, बल्कि भारत की न्यायपालिका, संविधान और दलितों के संघर्ष पर है। BJP की विचारधारा में जातिगत भेदभाव की जड़ें गहरी हैं, जो ऐसे कृत्यों को जन्म देती हैं।" उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच करे और दोषियों को सख्त सजा दे।

RSS में शामिल ना होने को लेकर कही बड़ी बात

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) पर हुए हमले को लेकर BJP पर तीखा हमला बोला है। भारद्वाज ने आरोप लगाया कि BJP शासित सरकार के दौरान दलितों, मुसलमानों, सिखों और बौद्धों पर लगातार हमले हो रहे हैं, और अब CJI जैसे सम्मानित व्यक्ति को निशाना बनाना BJP की हताशा को दर्शाता है। उन्होंने इस घटना को CJI की मां के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रम में शामिल न होने के फैसले से जोड़ा, हालांकि उन्होंने इसे खुलकर नहीं कहा।

दलित नहीं है CJI

निलंबित अधिवक्ता राकेश किशोर ने CJI को लेकर कहा, "…मेरा नाम डॉ राकेश किशोर है। क्या कोई मेरी जाति बता सकता है? शायद मैं भी दलित हूं। यह एकतरफा है कि आप इस तथ्य का फायदा उठा रहे हैं कि वह (मुख्य न्यायाधीश गवई) दलित हैं। वह दलित नहीं हैं। वह पहले एक सनातनी हिंदू थे। फिर उन्होंने अपना धर्म त्याग दिया और बौद्ध धर्म अपना लिया। अगर उन्हें लगता है कि बौद्ध धर्म अपनाने के बाद वह हिंदू धर्म से बाहर आ गए हैं, तो वह अभी भी दलित कैसे हैं? यह मानसिकता के बारे में है…"

ये भगवान ने करवाया: निलंबित अधिवक्ता राकेश

राकेश ने मीडिया से बातचीत करते हुए कई चौंकाने वाले बयान दिए हैं। उन्होंने कहा कि, उन्हें इस घटना का कोई अफसोस नहीं है और वह किसी भी हालत में इसके लिए माफी नहीं मांगेगे। राकेश किशोर ने कहा, मुझे बिल्कुल अफसोस नहीं है और ना मैं माफी मांगने वाला हूं। राकेश ने दावां किया कि यह सब उन्होंने नहीं किया बल्कि भगवान ने उनसे करवाया है। उन्होंने कहा, मैंने कुछ नहीं किया है, आप मेरे ऊपर सवाल उठा रहे हैं, परमात्मा ने जो कराया, वो मैंने किया। मैं महज साक्षी हूं। उसने कराया, उसकी इच्छा पूरी हो।