5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पंजाब सीएम भगवंत मान का बड़ा कदम, चंडीगढ़ में केंद्रीय नियमों को लागू करने के खिलाफ पेश किया प्रस्ताव

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने बाद से ही एक्शन मोड में है। लगातार प्रदेश की जनता से किए वादे पूरे किए जा रहे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक और बड़ा कदम उठाया है। सीएम मान ने विधानसभा में चंडीगढ़ में केंद्रीय नियमों को लागू करने के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया है।

2 min read
Google source verification

image

Dheeraj Sharma

Apr 01, 2022

CM Bhagwant Mann Proposed To Transfer Chandigarh To Punjab In The Assembly

CM Bhagwant Mann Proposed To Transfer Chandigarh To Punjab In The Assembly

केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ (Chandigarh) के कर्मचारियों पर केंद्रीय सेवा नियमों (Central Service Rules) को लागू करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को पंजाब की आप सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब विधानसभा में एक दिवसीय पंजाब विधानसभा विशेष सत्र (Punjab Vidhansabha) में प्रस्ताव पेश किया है। इसके तहत चंडीगढ़ में केंद्रीय कानून लागू ना किए जाने की बात कही गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान चंडीगढ़ के मामलों से संबंधित यह प्रस्ताव लाए हैं। जिस पर चर्चा शुरू हो गई है। इससे पूर्व स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने राणा गुरजीत सिंह और उनके बेटे राणा इंद्र प्रताप सिंह को विधायक के तौर पर शपथ दिलाई।


पंजाब में AAP सरकार लगातार बड़े फैसले ले रही है। शुक्रवार को पंजाब विधनसभा की स्पेशल कार्यवाही शुरू हो गई है। इस दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में केन्द्रीय सेवा कानून लागू करने के विरोध में प्रस्ताव पेश किया।

यह भी पढ़ें - 'गधों से शेर मरवा दिए', नवजोत सिंह सिद्धू पर जमकर बरसे कांग्रेसी सांसद, बताया- मिस गाइडेड मिसाइल

मुख्यमंत्री मान ने केंद्र सरकार पर केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन में 'संतुलन को बिगाड़ने' की कोशिश करने का आरोप लगाया। मान ने मांग की चंडीगढ़ को तुरंत पंजाब ट्रांसफर किया जाए। इसी कड़ी में सीएम मान ने अपने जारी प्रस्ताव में कहा कि पंजाब, रीऑगेर्नाइजेशन एक्ट 1966 के दौरान नया बनाया गया था, इस एक्ट के दौरान हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्से को हिमाचल को दिया गया था।


उसी वक्त चंडीगढ़ को यूटी के रूप में स्थापित किया गया, तब से लेकर अब तक BBMC जैसे संयुक्त एसेट को चलाए रखने के लिए पंजाब-हरियाणा से अनुपात के आधार पर कर्मचारियों को रखकर उनकी मैनेजमेंट चलाई जा रही थी।

बता दें कि, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर केंद्रीय सेवा नियम लागू करने के केंद्र के हालिया फैसले पर पंजाब में आप, कांग्रेस और शिअद ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त दी। इनमें कई नेताओं ने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के नियमों में बदलाव के बाद यह पंजाब के अधिकारों के लिए एक और बड़ा झटका था।


क्या बोले थे अमित शाह?

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इस कदम से चंडीगढ़ के कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर लाभ होगा, क्योंकि उनकी सेवानिवृत्ति की आयु 58 से बढ़कर 60 वर्ष हो जाएगी और महिला कर्मचारियों को वर्तमान एक वर्ष के बजाय दो साल की चाइल्ड केयर लीव मिलेगी।

ये है मामला

दरअसल पंजाब विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद पंजाब की अपनी पहली यात्रा में, गृह मंत्री अमित शाह चंडीगढ़ पहुंचे थे। इस दौरान अमित शाह ने एक बड़ा एलान किया था। शाह ने कहा था कि अब चंडीगढ़ के मुलाजिमों पर पंजाब की जगह केंद्रीय सर्विस नियम लागू होंगे।

इसके चलते मुलाजिम अब 60 साल की उम्र में सेवा मुक्त होंगे। जबकि महिलाओं को चाइल्ड केयर के लिए एक साल की जगह छुट्टी 2 साल तक की गई।

यह भी पढ़ें - राज्यसभा जाएंगे नीतीश कुमार! जेडीयू के मंत्री ने बताई सच्चाई