
CM KCR's Party Backs Yashwant Sinha For President, what it means (PC: Telangana Today)
तेलंगाना की राष्ट्र समिति (TRS) ने राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का निर्णय लिया है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव (KTR) ने जानकारी दी कि वो और सीएम के चंद्रशेखर राव आज यशवंत सिन्हा के नामांकन में शामिल होंगे। स्पष्ट है कि केसीआर NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन नहीं करेंगे। केसीआर के इस निर्णय से सवाल उठने लगे हैं कि क्या अब उनका मन बदलने लगा है? क्या वो मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष से हाथ मिलाने को तैयार हैं? ये वही केसीआर हैं जिन्होंने कुछ दिनों पहले ही विपक्ष के साथ जाने से मना किया था।
KTR ने ट्वीट कर दी जानकारी
राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में केसीआर किसका समर्थन करेंगे अभी तक इसपर कोई स्पष्ट मत पार्टी का सामने नहीं आया था। अब TRS ने स्पष्ट कर दिया है कि वो विपक्ष के उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव (KTR) ने ट्वीट कर लिखा, "TRS पार्टी के अध्यक्ष KCR ने भारत के राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी को समर्थन देने का फैसला किया है। हमारे सांसदों के साथ, मैं आज नामांकन में टीआरएस का प्रतिनिधित्व करूंगा।" TRS संसदीय नेता नामा नागेश्वर राव, सांसद रंजीत रेड्डी, सुरेश रेड्डी, बीबी पाटिल, वेंकटेश नेथा और के प्रभाकर रेड्डी केटीआर के साथ नामांकन कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।
KCR अब विपक्ष से हाथ मिलाने को तैयार?
ऐसा लगता है कि केसीआर अब बीजेपी विरोधी स्टैन्ड को महत्व देने के मूड में हैं। ये वही केसीआर हैं जिन्होंने कुछ समय पहले ये बयान दिया था कि केवल बीजेपी को हराने के उद्देश्य से वो किसी राजनीतिक मोर्चे का समर्थन नहीं करेंगे। यहाँ तक कि दिल्ली में ममता बनर्जी के नेतृत्व में हुई विपक्षी दलों की बैठक में भी वो शामिल नहीं हुए थे।
केसीआर ने तब अपने बयान में कहा था, “कुछ अन्य दलों ने भी BJP को सत्ता से हटाने का मुद्दा उठाया। मैंने उनसे कहा कि हम इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।" उन्होंने तब सांकेतिक भाषा में कहा था कि वो कांग्रेस से केवल इसलिए हाथ नहीं मिलाने वाले क्योंकि उनका एकमात्र एजेंडा बीजेपी को हराना है।
केटीआर को मिली बड़ी जिम्मेदारी?
हालांकि, NCP चीफ शरद पवार ने उन्हें मनाने के प्रयास किए थे और कहा था कि केसीआर के बिना विपक्ष अधूरा है। एक तरह से तेलंगाना के सीएम मंझधार में फंस गए हैं कि वो विपक्ष का समर्थन करें या न करें, खासकर तब जब उसमें कांग्रेस भी शामिल हो। हालांकि, भविष्य के समीकरणों को देखते हुए और राष्ट्रीय विकल्प के रूप में अपनी जगह बनाने के लिए उन्होंने बीच का रास्ता चुना है और शायद विपक्ष से हाथ मिलाने के लिए तैयार हो गए हैं ।
विपक्ष के साथ साँठ-गांठ करने के लिए उन्होंने केटीआर को आगे किया है जोकि लाभ के लिए स्थिति को अपने पक्ष में करने की काबिलियत रखेत हैं। केटीआर अब कैसे विपक्ष के साथ मिलकर केसीआर के लिए राष्ट्रीय राजनीति का मार्ग तैयार करेंगे ये देखना दिल्चस्प होगा।
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Updated on:
27 Jun 2022 01:55 pm
Published on:
27 Jun 2022 01:41 pm
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