संविधान और लोकतंत्र खतरे में : सिन्हा
यशवंत सिन्हा ने नामांकन से पहले कहा कि यह चुनाव अधिनायकवादी नीतियों के खिलाफ है। हमें सब को मिलकर इस देश की रक्षा के लिए आगे आना होगा। मोदी सरकार पर हमलो बोलते हुए कहा कि आज सरकार की वजह से हमारा संविधान और लोकतंत्र खतरे में है। सिन्हा ने पिछले हफ्ते वादा किया था कि अगर वह राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो वह किसानों, श्रमिकों, बेरोजगार युवाओं, महिलाओं और हाशिए के तबके के लोगों के लिए आवाज उठाएंगे।
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वाजयेपी की सरकार में वित्त मंत्री रहे सिन्हा
यशवंत सिन्हा ने 1990 से 1991 तक पीएम चंद्रशेखर के तहत केंद्रीय वित्त मंत्री (एफएम) के रूप में कार्य किया। उन्होंने मार्च 1998 से जुलाई 2002 तक अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के तहत फिर से एफएम के रूप में कार्य किया। सिन्हा ने जुलाई 2002 से मई 2004 तक विदेश मंत्री के रूप में भी कार्य किया है।
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2018 में छोड़ी थी बीजेपी पार्टी
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने 21 जून को कहा कि सिन्हा को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के आम उम्मीदवार के रूप में चुना गया था। सिन्हा पिछले साल टीएमसी में शामिल हुए थे और बाद में उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था। उन्होंने 2018 में भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी थी।