scriptफर्श से अर्श तक : संघर्षों से भरा रहा द्रौपदी मुर्मू का जीवन, पति की मौत और 2 बेटों को भी खोया | Know who is NDA's presidential candidate Draupadi Murmu | Patrika News

फर्श से अर्श तक : संघर्षों से भरा रहा द्रौपदी मुर्मू का जीवन, पति की मौत और 2 बेटों को भी खोया

locationनई दिल्लीPublished: Jun 22, 2022 08:21:27 am

Submitted by:

Shaitan Prajapat

President Elections: झारखंड की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू आगामी राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार होंगी। ओडिशा के बेहद पिछड़े और संथाल बिरादरी से जुड़ी 64 वर्षीय द्रौपदी के जीवन का सफर संघर्षों से भरा रहा है।

Draupadi Murmu

Draupadi Murmu

President Elections: भाजपा नीत सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था, संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने आदिवासी महिला मुर्मू की उम्मीदवारी का ऐलान किया। द्रौपदी का बतौर अनुसूचित जनजाति वर्ग (एसटी) से देश का पहला और बतौर महिला दूसरा राष्ट्रपति बनेगी। टीचर से अपने कॅरियर की शुरुआत करने वाली मुर्मू के लिए राजनीतिक सफर आसान नहीं रहा है। पार्षद के रूप में राजनीतिक कॅरिअर शुरू करने वाली मुर्मू विधायक, मंत्री, राज्यपाल और अब देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनने जा रही है। आइए जानते है द्रौपद्री मुर्मू से जीवन से जुड़़ी खास बातें।

पति की मौत और फिर 2 बेटों को खोया
ओडिशा के बेहद पिछड़े और संथाल बिरादरी से जुड़ी 64 वर्षीय द्रौपदी के जीवन का सफर संघर्षों से भरा रहा है। उनका जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू है। आदिवासी संथाल परिवार से ताल्लुक रखने वाली द्रौपदी की शादी श्याम चरण मुर्मू से हुई थी। उनके दो बेटे और एक बेटी हुई। शादी के कुछ समय बाद ही उन्होंने पति और अपने दोनों बेटों की मौत हो गई।

शिक्षा को बनाया करियर
आर्थिक अभाव के कारण स्तानक तक शिक्षा हासिल कर उन्होंने पहले शिक्षा को करियर चुना। बेटी के साथ जीवन यापन करने के लिए मुर्मू टीचर बनकर बच्चों को पढ़ती थी। इसके बाद ओडिशा के सिंचाई विभाग में एक कनिष्ठ सहायक यानी क्लर्क के पद नौकरी करने लगी।

यह भी पढ़ें

NDA ने द्रौपदी मुर्मू को बनाया राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार, BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किया ऐलान




पार्षद से शुरू हुआ राजनीतिक सफर
साल 1997 में उन्होंने रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में जीत दर्ज कर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इसके बाद मयूरभंज जिले की रायरंगपुर सीट से 2000 और 2009 में बीजेपी के टिकट पर दो बार विधायक बनीं।

झारखंड की पहली महिला राज्यपाल
साल 2015 में उन्हें झारखंड का पहला महिला राज्यपाल बनाया गया। उन्होंने सैयद अहमद की जगह ली थी। झारखंड हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस चीफ जस्टिस वीरेंद्र सिंह ने द्रौपदी मुर्मू को राज्यपाल पर की शपथ दिलाई थी। द्रौपदी की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद उनके पैतृक मयूरभंज जिले में खुशी का माहौल है। बड़ी संख्या में लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो