
कोलकाता में ममता बनर्जी ने निकाला विरोध मार्च (Photo-IANS)
Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को कोलकाता में विरोध मार्च किया। दरअसल, सीएम बनर्जी बीजेपी शासित राज्यों में बंगाली नागरिकों के साथ भेदभाव के विरोध में बारिश के बीच विरोध मार्च किया। कोलकाता में लगातार हो रही बारिश के बीच सीएम बनर्जी और उनके कार्यकर्ता ने ‘बीजेपी छी-छी’ के नारे लगाते हुए प्रोटेस्ट मार्च निकाला। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा। सीएम बनर्जी ने चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण की तैयारी के बीच दावा किया है कि जिन लोगों के नाम मतदाता सूची में नहीं हैं, उन्हें जेल भेजा जाएगा।
सीएम ममता बनर्जी ने लोगों से अपील की कि वे सुनिश्चित करें कि उनके नाम सूची में हों, भले ही उन्हें सत्यापन के लिए काम छोड़ना पड़े। साथ ही सीएम बनर्जी ने चुनाव आयोग पर बीजेपी के पिट्ठू की तरह काम करने का आरोप लगाया था। इस दौरान सीएम ने बीजेपी नीत राज्य सरकारों पर बंगाली प्रवासियों को निशाना बनाने का भी आरोप लगाया। सीएम ने कहा कि बंगाल ने भारत की आज़ादी के लिए लड़ाई लड़ी और भाजपा को शर्म आनी चाहिए।
सीएम बनर्जी ने कहा कि क्या 'जन, गण, मन' किसी बंगाली ने नहीं पढ़ा था? वे बंगालियों को रोहिंग्या और बांग्लादेशी कह रहे हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए। सीमा पर किसका नियंत्रण है? BSF किसके पास है? गृह मंत्री कौन है? CISF और CRPF का प्रबंधन कौन करता है? अगर कोई हवाई जहाज से आता है, तो केंद्र सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इसकी जानकारी होती है।
उन्होंने आगे काह कि चुनाव नज़दीक आते ही वे नाम हटा रहे हैं। चुनाव आयोग है, और हम उसका सम्मान करते हैं। लेकिन अगर कोई भाजपा के लिए काम करता है, तो हम उसे जाने नहीं देंगे। उन्होंने बिहार में 30.5 लाख मतदाताओं को हटा दिया। इसी तरह उन्होंने महाराष्ट्र और दिल्ली में जीत हासिल की। वे बिहार के लिए भी यही योजना बना रहे हैं। वे बंगाल में भी ऐसा ही करना चाहते हैं, लेकिन हम इंच-इंच लड़ेंगे।
बीजेपी पर सीधा हमला करते हुए उन्होंने कहा मैंने अब से बांग्ला में अधिक बोलने का फैसला किया है, अगर आप कर सकते हैं तो मुझे हिरासत शिविरों में रखें। सीएम बनर्जी ने आगे कहा कि मैं केंद्र सरकार के उन नोटिसों को चुनौती दूंगी जो बंगाली भाषी लोगों को परेशान करने और मामूली संदेह पर उन्हें हिरासत में लेने के लिए भाजपा शासित राज्यों को गुप्त रूप से भेजे गए थे।
सीएम बनर्जी ने कहा देश के दूसरे हिस्सों में काम करने वाले बंगाल के 22 लाख प्रवासी मज़दूरों के पास वैध पहचान पत्र हैं और वह उनके प्रति किसी भी तरह का अनादर बर्दाश्त नहीं करेंगी। सीएम ने पूछा- भाजपा को बंगालियों को इस तरह परेशान करने, उन्हें गिरफ़्तार करने और ज़बरदस्ती बांग्लादेश वापस भेजने का क्या अधिकार है? क्या पश्चिम बंगाल भारत का हिस्सा नहीं है?
Published on:
16 Jul 2025 07:02 pm
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