
Jharknand: Compensation 10 lakhs to Victims Family on Death of illicit liquor
Jharknand New Rule: बीते दिनों से देश के अलग-अलग राज्यों में जहरीली शराब से मौत के कई मामले सामने आए हैं। इसी बीच झारखंड में एक नया कानून लाया गया है, इस कानून के तहत अगर राज्य में नकली शराब से किसी की मौत होती है तो दोषी शराब दुकानदार को पीड़ित परिवार को 10 लाख का मुआवजा देना होगा।
Jharknand New Rule: जहरीली शराब से मौत के मामले देश में लगातार बढ़ रहे हैं। बीते दिनों गुजरात के बोटाद जिले में 40 से अधिक लोगों की मौत जहरीली शराब से हुई थी। वहीं एक दिन पहले बिहार के सीवान जिले में जहरीली शराब से लगभग आठ लोगों की मौत हो गई। इस बीच झारखंड सरकार ने जहरीली शराब से मौते के मामले में एक नया कानून लागू किया है। इस कानून के तहत जहरीली शराब से मौत पर दोषी शराब दुकानदार को 10 लाख का मुआवाजा पीड़ित परिवार को देना पड़ेगा।
पांच वर्षों में 427 लोगों की हुई थी मौत-
झारखंड में पांच वर्षों में जहरीली या नकली शराब पीने से 427 लोगों की मौतें हुई हैं। यह नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का आंकड़ा है। ऐसी मौतों पर मुआवजे को लेकर झारखंड सरकार नया कानून लागू करने जा रही है। इसमें यह प्रावधान किया गया है कि ऐसी मौतों के मामले में शराब बेचने वालों को न सिर्फ जिम्मेदार माना जायेगा, बल्कि उन्हें मृतक के आश्रित को दस लाख रुपये बतौर मुआवजा देना होगा। विधानसभा के मॉनसून सत्र में इससे संबंधित विधेयक पारित कर दिया गया है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह जल्द ही कानून का रूप ले लेगा।
शारीरिक रूप से क्षति पर 5 लाख रुपए का मुआवजा-
नए प्रस्तावित कानून के अनुसार अगर जहरीली शराब पीने से किसी व्यक्ति को गंभीर शारीरिक क्षति पहुंचती है तो शराब विक्रेता को 5 लाख रुपये तक की रकम का भुगतान करना पड़ेगा। अगर दोषी पाया जाने वाला विक्रेता मृतक के आश्रित या पीड़ित व्यक्ति को इस रकम का भुगतान नहीं कर पाता है, तो उसकी संपत्ति की नीलामी के जरिए यह रकम वसूली जायेगी।
मामूली क्षति पर 10 लाख का जुर्माना, 10 साल की जेल-
विधानसभा में पारित झारखंड उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 में कई अन्य सख्त प्रावधान किये गये हैं। शराब से होनेवाली मौतों और शारीरिक क्षति के लिए विक्रेता को दोषी तय करने फैसला अदालती प्रक्रिया के तहत किया जायेगा। अवैध या मिलावटी शराब से किसी को क्षति नहीं हुई भी हुई हो ऐसे मामलों में दोषी को सात साल की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। ऐसी शराब पीने से किसी व्यक्ति को शारीरिक तौर पर मामूली क्षति होती है तो अदालती प्रक्रिया में दोषी तय किये गये विक्रेता को 10 साल तक की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। अगर सरकार के निगम के अधीन चलने वाली लाइसेंसी शराब दुकानों में गड़बड़ी हो तो जांच के बाद संबंधित कर्मचारी को जवाबदेह ठहराया जा सकता है।
2021 में 100 से ज्यादा हो चुकी झारखंड में हो चुकी मौत-
नए कानून में सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने पर भी प्रतिबंध लागू किया गया है। इसके मुताबिक शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, बस स्टैंड, स्नान घाट, रेलवे स्टेशन पर शराब पीते पकड़े जाने पर एक हजार से 10 हजार रुपये तक जुर्माना और तीन महीने तक के कारावास तक की सजा का प्रावधान किया गया है। गौरतलब है कि एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में वर्ष 2016 में 41, 2017 में 76, 2018 में 56, 2019 में 115 और 2020 में 139 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई। 2021 में भी 100 से ज्यादा मौतें हुई हैं। हालांकि इस वर्ष का आधिकारिक आंकड़ा अभी तक सामने नहीं आया है।
Published on:
05 Aug 2022 10:39 pm
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