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क्या हर भारतीय की होगी जासूसी! संचार साथी पर मचा सियासी संग्राम, कांग्रेस बोली- मोदी सरकार निजी जिंदगी में…

Sanchar Saathi App: भारत सरकार ने संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल करने के मोबाइल निर्माता कंपनियों को निर्देश दिया है। इस पर सियासत गर्म हो गई है। कांग्रेस ने इसे निजता का उल्लंघन बताया है। पढ़ें पूरी खबर...

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संचार साथी ऐप पर कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल का बयान (फोटो-IANS)

Sanchar Saathi App: भारतीय दूरसंचार विभाग ने मोबाइल हैंडसेट निर्माताओं को सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी नए मेबाइल हैंडसेट में 'संचार साथी' ऐप को प्री-इंस्टॉल करना होगा। विभाग ने कहा कि यह कदम साइबर फ्रॉड को रोकने, दूरसंचार सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए और डुप्लीकेट आईएमईआई (IMEI) वाले उपकरणों की समस्या से निपटने के लिए उठाया गया है उठाया गया है। अब मोदी सरकार के इस कदम से सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस महासचिव व सांसद केसी वेणुगोपाल ने इसे असंवैधानिक बताया है।

मोदी सरकार कर रही निजता का उल्लंघन

केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि मोदी सरकार का यह कदम निजता का अधिकार और संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन है। एक प्री-लोडेड सरकारी ऐप जिसे हटाया नहीं जा सकता। हर भारतीय पर नजर रखने का जरिया है।

हम इस आदेश को अस्वीकार करते हैं

केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह भारतीय नागरिकों के अधिकारों पर सीधा हमला है। हम मोदी सरकार के इस निर्देश को अस्वीकार करते हैं। साथ ही, इसे तत्काल वापस लेने की मांग करते हैं। दरअसल, मोदी सरकार ने 29 नवंबर को एक महत्वपूर्ण नियम लागू किया है। इसके अनुसार व्हाट्सएप, टेलीग्राम, अरट्टाई जैसे सभी मैसेजिंग ऐप्स अब हमेशा यूजर के डिवाइस में सक्रिय सिम कार्ड से लगातार लिंक रहेंगे।

हर 6 घंटे में वेब वर्जन हो जाएगा लॉग आउट

नियम के मुताबिक, ऐप केवल उसी समय काम करेगा जब वह एक चालू सिम कार्ड से लिंक हो और सिम मोबाइल में लगा हो। इसके साथ ही, इन सभी प्लेटफॉर्म का वेब वर्जन हर 6 घंटे में ऑटो-लॉगआउट होगा। क्यूआर कोड स्कैन करके इसे दोबारा लॉग-इन किया जा सकेगा। निर्देश के मुताबिक, सभी प्लेटफॉर्म्स को 90 दिनों में इन नियमों का अनुपालन करना होगा और 120 दिनों में विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट जमा करनी होगी।

निर्देश में बताया गया कि केंद्र सरकार को टेलीकॉम साइबर सिक्योरिटी को खतरे में डालने वाले कामों की पहचान करने और रिपोर्ट करने के लिए जरूरी डिजिटल या दूसरे तरीके बनाने का अधिकार है, इसलिए दूरसंचार विभाग ने संचार साथी ऐप शुरू किया है, जो स्टेकहोल्डर्स को आईएमईआई से जुड़े संदिग्ध गलत इस्तेमाल की रिपोर्ट करने और मोबाइल डिवाइस में इस्तेमाल होने वाले आईएमईआई की असलियत वेरिफाई करने में मदद करता है।

मोबाइल में पहले से इंस्टॉल करने के आदेश

मोदी सरकार ने अपने निर्देश में कहा कि डुप्लीकेट या नकली IMEI वाले मोबाइल हैंडसेट टेलीकॉम साइबर सिक्योरिटी के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं, इसलिए केंद्र सरकार भारत में इस्तेमाल के लिए बनाए गए या इम्पोर्ट किए गए मोबाइल हैंडसेट के हर निर्माता और इम्पोर्टर को यह निर्देश देती है कि 90 दिनों के भीतर यह पक्का करें कि संचार साथी मोबाइल एप्लीकेशन, भारत में इस्तेमाल के लिए बनाए गए या इम्पोर्ट किए गए सभी मोबाइल हैंडसेट पर पहले से इंस्टॉल हो।

इसके साथ ही यह भी पक्का करें कि पहले से इंस्टॉल किया गया संचार साथी एप्लीकेशन पहली बार इस्तेमाल करने या डिवाइस सेटअप करने के समय यूजर्स को आसानी से दिखे और इसे बंद या अनइंस्टॉल नहीं किया जा सके।