
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस (Photo-ANI)
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी सात दिवसीय भारत दौरे पर गुरुवार को पहुंचे। शुक्रवार को उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से नई दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान द्विपक्षीय व्यापार, मानवीय सहायता और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा हुई। हालांकि, मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों पर प्रवेश प्रतिबंध ने विवाद खड़ा कर दिया।
हैदराबाद हाउस में हुई बैठक में मुत्तकी ने आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं होगा। यह बयान पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों की ओर इशारा करता है, जो भारत के खिलाफ गतिविधियों के लिए अफगान मिट्टी का दुरुपयोग करते रहे हैं। जयशंकर ने इसे 'सार्थक और दूरदर्शी' बताते हुए व्यापार, स्वास्थ्य और विकास परियोजनाओं में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। भारत जल्द ही काबुल में अपना दूतावास दोबारा खोलने की योजना बना रहा है।
मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को प्रवेश निषेध करने का फैसला विवादास्पद रहा। इस कदम ने तालिबान की महिलाओं के प्रति नीतियों को फिर से उजागर किया। सोशल मीडिया पर यूजर्स और पत्रकारों ने इसे लैंगिक भेदभाव करार देते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने कहा, महिलाओं को प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर रखना अस्वीकार्य है। दूसरे ने सुझाव दिया कि पुरुष पत्रकारों को विरोध में वॉकआउट करना चाहिए था। यह घटना तालिबान शासन की कट्टर नीतियों की आलोचना को और तेज करती है।
2021 में तालिबान की सत्ता वापसी के बाद अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों पर सख्त पाबंदियां लगी हैं। लड़कियों को माध्यमिक शिक्षा से वंचित किया गया, नौकरियों पर रोक लगी और सार्वजनिक जीवन में उनकी भागीदारी सीमित कर दी गई। मानवाधिकार संगठनों ने इसे 'लैंगिक रंगभेद' बताया है। भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता दी है, लेकिन महिलाओं के अधिकारों पर चिंता बनी हुई है।
हैदराबाद हाउस में हुई मुलाकात में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार, मानवीय सहायता, विकास परियोजनाओं और सुरक्षा सहयोग पर विस्तृत बातचीत की। मुत्तकी ने स्पष्ट आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान अपनी धरती का कभी भी किसी देश के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देगा। यह बयान पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों पर केंद्रित था, जो लंबे समय से अफगान मिट्टी का भारत-विरोधी गतिविधियों के लिए दुरुपयोग करते रहे हैं। जयशंकर ने घोषणा की कि भारत काबुल में अपना दूतावास दोबारा खोलेगा, जो संबंधों को नई मजबूती देगा। मुत्तकी ने बातचीत को 'सार्थक और दूरदर्शी' बताया, जिसमें सूखे मेवों का निर्यात, स्वास्थ्य सुविधाएं, कांसुलर सेवाएं और बंदरगाहों पर सहयोग शामिल है।
Updated on:
10 Oct 2025 10:56 pm
Published on:
10 Oct 2025 10:55 pm
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