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Coronavirus In India: वैक्सीन लेने के बाद जमने लगा रक्त का थक्का, दिल्ली में एक मरीज की मौत, 6 का हो रहा इलाज

Coronavirus In India कोविड वैक्सीन के जरिए इन मरीजों में थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (वीआईटीटी) नामक परेशानी देखने को मिली जो रक्त का थक्का जमने के बाद देखने को मिलती है। अस्पताल के मुताबिक इस समस्या से ग्रसित कुल सात मरीजों का इलाज किया जा रहा था, इनमें से एक की मौत हो गई है

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Dheeraj Sharma

Oct 19, 2021

Coronavirus In India

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना महामारी ( Coronavirus in india ) से जंग के लिए टीकाकरण ( Vaccination ) को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है, लेकिन वैक्सीन लेने का बड़ा साइडइफेक्ट सामने आया है। दरअसल वैक्सीन लगाने के बाद रक्त का थक्का जमने के मामले विदेशों के बाद अब भारत में भी सामने आए हैं।

सोमवार को नई दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल ने वैक्सीन लेने के बाद रक्त का थक्का जमने की वजह से एक मरीज की मौत होने की पुष्टि की है। जबकि छह मरीजों का अब भी इलाज जारी है।

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वैक्सीन के बाद सामने आई ये परेशानी
गंगाराम अस्पताल के मुताबिक कोविड वैक्सीन के जरिए इन मरीजों में थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (वीआईटीटी) नामक परेशानी देखने को मिली जो रक्त का थक्का जमने के बाद देखने को मिलती है।

अस्पताल के मुताबिक इस समस्या से ग्रसित कुल सात मरीजों का इलाज किया जा रहा था, इनमें से एक की मौत हो गई है जबकि 6 का इलाज अभी जारी है।

7 में से 5 केस केरल से
डॉक्टरों के मुताबिक वीआईटीटी के सात मरीजों में से पांच अकेले केरल से हैं। केरल से ही जांच के लिए सैंपल कुरियर के जरिए दिल्ली आए थे। वहीं दिल्ली निवासी एक मरीज को धौलाकुआं स्थित सैन्य अस्पताल से रैफर करके भेजा गया था लेकिन मरीज की हालत नाजुक होने की वजह से बचाया नहीं जा सका।

हॉस्पिलट की सीनियर डॉक्टर ज्योति कोतवाल ने इन सभी रोगियों पर चिकित्सीय अध्ययन भी किया है। उनके इस अध्ययन को इंडियन जर्नल इंडियन जर्नल ऑफ हेमटोलॉजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन में 29 सितंबर को प्रकाशित भी किया गया।

डॉ. कोतवाल के मुताबिक इस वर्ष जून माह के दौरान ही उनके यहां पहला मामला दर्ज किया गया था, लेकिन उसके बाद केरल और दिल्ली से छह और मरीज उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती हुए।

इन देशों में देखे गए ये मामले
दरअसल अब तक ऐसे मामले डेनमार्क, यूके, जर्मनी और कनाडा जैसे देशों में देखने को मिल रहे थे। बीते 11 अगस्त को अमरीका में भी इसके लिए उपचार संबंधित दिशा निर्देश जारी किए गए।

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एक महीने में दिखाई देते हैं लक्षण
डॉक्टरों की मानें तो वैक्सीन लेने के बाद तीन से 30 दिन यानी एक महीने में इसके लक्षण दिखाई देते हैं। दरअसल ये काफी दुर्लभ बीमारी है। वैक्सीनेशन को लेकर देखें तो एक लाख में से एक या फिर 1.27 लाख में से किसी एक व्यक्ति में ही इस तरह की परेशानी देखने को मिल सकती है।