ओमिक्रोन वेरिएंट के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए दुनियाभर के देशों में वैक्सीनेशन कार्यक्रमों का विस्तार किया जा रहा है। दुनियाभर के कई देशों ने अपने वैक्सीनेशन प्रोग्राम के अंदर छोटे बच्चों को शामिल किया है। इन देशों में अब भारत का नाम भी शामिल हो जाएगा।
कईं देशों में चल रहा है बच्चों का टीकाकरण कार्यक्रम:
बता दें कि ओमिक्रॉन संस्करण के आने के बाद पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीकों को अनिवार्य बनाने वाला पहला देश बन गया है। इसके अलावा कई देश बच्चों को वैक्सीनेट कर रहे हैं।
इटली:
इटली ने 1 दिसंबर को 5-11 साल के बच्चों के लिए टीकाकरण को मंजूरी दी है। फ्रांसीसी अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि वे 5 से 11 साल के सभी बच्चों को कोरोना वैक्सीन दे रहे हैं ताकि इस लड़ाई में हमारी जीत हो। इटली में 12-19 साल तक के 72 प्रतिशत बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है।
अमेरिका:
अमेरिका में 5 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों को 2 नवंबर को कोविड -19 टीके लगाने की सिफारिश की गई थी।
कनाडा:
कनाडा ने 19 नवंबर को पांच से 11 साल के बच्चों के लिए फाइजर शॉट को अधिकृत किया गया था।
हंगरी:
हंगरी ने मई के मध्य में 16 से 18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया था।
ब्रिटेन:
ब्रिटेन की वैक्सीन कमेटी ने 12 से 15 साल के बच्चों को दूसरी खुराक देने की सिफारिश की है।
जर्मनी:
अगस्त में किशोरों के लिए शॉट्स को मंजूरी देने के बाद, जर्मनी 2022 की शुरुआत से 12 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन देने की पेशकश करेगा।
एस्टोनिया, डेनमार्क, ग्रीस, आयरलैंड, इटली, लिथुआनिया, स्पेन, स्वीडन और फिनलैंड 12 साल और उससे ज्यादा उम्र के बच्चों को वैक्सीन देने की पेशकश कर रहे हैं। 28 नवंबर के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 12 से 17 साल के डच बच्चों में से करीब 63 फीसदी को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है।
- स्विट्जरलैंड ने जून में फाइजर शॉट के साथ 12 से 15 साल के बच्चों को टीका लगाने की मंजूरी दी।
- फ्रांस में 12 से 17 साल तक की उम्र के लगभग एक-तिहाई बच्चों को अब तक एक डोज लग चुकी।
- जर्मनी में 12 से 17 साल तक के 47 प्रतिशत बच्चों को पहली डोज लग चुकी है।
- चीन का दावा है कि उसने 3 से 17 साल तक के बच्चों को बायोटेक की वैक्सीन के 10 करोड़ टीके लगवा दिए हैं।
बता दें कि ओमिक्रॉन संस्करण के आने के बाद पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीकों को अनिवार्य बनाने वाला पहला देश बन गया है। इसके अलावा कई देश बच्चों को वैक्सीनेट कर रहे हैं।
इटली:
इटली ने 1 दिसंबर को 5-11 साल के बच्चों के लिए टीकाकरण को मंजूरी दी है। फ्रांसीसी अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि वे 5 से 11 साल के सभी बच्चों को कोरोना वैक्सीन दे रहे हैं ताकि इस लड़ाई में हमारी जीत हो। इटली में 12-19 साल तक के 72 प्रतिशत बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है।
अमेरिका:
अमेरिका में 5 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों को 2 नवंबर को कोविड -19 टीके लगाने की सिफारिश की गई थी।
कनाडा:
कनाडा ने 19 नवंबर को पांच से 11 साल के बच्चों के लिए फाइजर शॉट को अधिकृत किया गया था।
हंगरी:
हंगरी ने मई के मध्य में 16 से 18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया था।
ब्रिटेन:
ब्रिटेन की वैक्सीन कमेटी ने 12 से 15 साल के बच्चों को दूसरी खुराक देने की सिफारिश की है।
जर्मनी:
अगस्त में किशोरों के लिए शॉट्स को मंजूरी देने के बाद, जर्मनी 2022 की शुरुआत से 12 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन देने की पेशकश करेगा।
एस्टोनिया, डेनमार्क, ग्रीस, आयरलैंड, इटली, लिथुआनिया, स्पेन, स्वीडन और फिनलैंड 12 साल और उससे ज्यादा उम्र के बच्चों को वैक्सीन देने की पेशकश कर रहे हैं। 28 नवंबर के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 12 से 17 साल के डच बच्चों में से करीब 63 फीसदी को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है।
- स्विट्जरलैंड ने जून में फाइजर शॉट के साथ 12 से 15 साल के बच्चों को टीका लगाने की मंजूरी दी।
- फ्रांस में 12 से 17 साल तक की उम्र के लगभग एक-तिहाई बच्चों को अब तक एक डोज लग चुकी।
- जर्मनी में 12 से 17 साल तक के 47 प्रतिशत बच्चों को पहली डोज लग चुकी है।
- चीन का दावा है कि उसने 3 से 17 साल तक के बच्चों को बायोटेक की वैक्सीन के 10 करोड़ टीके लगवा दिए हैं।