18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

देश में पहली बार समुद्र तटीय-दलदली पक्षियों की गिनती, आज से 5 जनवरी तक चलेगी गणना

Coastal-Marsh Birds: देश में पहली बार जामनगर स्थित मरीन नेशनल पार्क और मरीन अभयारण्य में शुक्रवार से समुद्र तटीय व दलदली पक्षियों (शोरबर्ड व वेडर) की गणना होगी।

2 min read
Google source verification

Coastal-Marsh Birds: देश में पहली बार जामनगर स्थित मरीन नेशनल पार्क और मरीन अभयारण्य में शुक्रवार से समुद्र तटीय व दलदली पक्षियों (शोरबर्ड व वेडर) की गणना होगी। दलदली और कीचड़युक्त स्थलों पर रहने के कारण स्थानीय लोग इन्हें किचडि़या पक्षी भी कहते हैं। तटीय पक्षियों का स्वर्ग माने जाने वाले जामनगर में यह गिनती 5 जनवरी तक चलेगी। वन विभाग और बर्ड कंजर्वेशन सोसायटी गुजरात (बीसीएसजी) के संयुक्त तत्वावधान में यह गिनती होगी। केवल दलदली पक्षियों की गणना का यह पहला प्रयास होगा।

मरीन नेशनल पार्क-मरीन सेंचुरी में 300 से अधिक प्रजातियां

गुजरात में मरीन नेशनल पार्क और मरीन अभयारण्य को भारत का पहला समुद्री राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया है। जामनगर में लगभग 300 से अधिक स्थानीय और प्रवासी पक्षी के साथ दलदली पक्षियों की 50 से अधिक प्रजातियां देखने को मिलती हैं। गुजरात के देवभूमि द्वारका, जामनगर और मोरबी सहित तीन जिलों में फैले मरीन नेशनल पार्क और मरीन अभयारण्य में ओखा से नवलखी तक लगभग 170 किलोमीटर लंबे तटीय क्षेत्र और 42 टापू शामिल हैं।

प्रति वर्ष डेरा जमाते हैं प्रवासी पक्षी

इस समुद्री क्षेत्र में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में स्थानीय और प्रवासी पक्षी अपना डेरा जमाते हैं। कच्छ की खाड़ी में इस क्षेत्र को यहां पाई जाने वाली समुद्री जीवसृष्टि और मैंग्रोव के संवर्धन और संरक्षण के मुख्य उद्देश्य से इसे संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है। यह भारत का एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जहां कम ज्वार के समय में पैदल चलकर समुद्री जीवसृष्टि का अवलोकन किया जा सकता है। अन्य स्थानों पर इसके लिए स्कूबा डाइविंग करनी पड़ती है।

यह भी पढ़ें- Delhi Politics: आप तो हमारी योजना लागू ही नहीं कर रहीं- शिवराज ने आतिशी को लिखी चिट्ठी, बीजेपी सांसदों की गड़करी से गुहार

मध्य एशियाई फ्लाईवे का हिस्सा है गुजरात का तट

भौगोलिक दृष्टि से मध्य एशियाई फ्लाईवे का हिस्सा होने के कारण इस क्षेत्र की पक्षी विविधता काफी समृद्ध है। यह फ्लाईवे यूरोप और एशिया में आर्कटिक एवं हिंद महासागर पर फैला हुआ है। जिसमें विशेष रूप से उत्तर साइबेरिया के ब्रिडिंग ग्राउंड से लेकर दक्षिण-पश्चिम एशिया, मालदीव और ब्रिटिश इंडियन ओशन क्षेत्र में स्थित गैर-प्रजनन और सर्दियों के मैदान शामिल हैं। प्रवासी पक्षी विशेषकर जलीय पक्षी अपने वार्षिक प्रवास के दौरान इस फ्लाईवे के माध्यम से अनेक देशों से गुजरते हुए अपनी यात्रा पूरी करते हैं।