
Delhi Court: दिल्ली की अदालत ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश देने से इनकार कर दिया है। हालांकि, अदालत ने अप्रैल 2023 में कर्नाटक में एक चुनावी रैली में भाजपा और RSS के खिलाफ अभद्र भाषा का आरोप लगाने वाली शिकायत का संज्ञान लिया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (JMFC) चतिंदर सिंह ने शिकायतकर्ता के वकील की दलीलें सुनने और दिल्ली पुलिस की कार्रवाई रिपोर्ट (ATR) पर विचार करने के बाद एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि कथित आरोपी की पहचान पहले ही हो चुकी है और सभी सबूत शिकायतकर्ता के पास हैं। एफआईआर की कोई जरूरत नहीं है। जेएमएफसी चतिंदर सिंह ने 9 दिसंबर को पारित आदेश में कहा, "इसलिए, इस मामले में धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस द्वारा जांच की कोई जरूरत नहीं है। आवेदन को खारिज किया जाता है।
अदालत ने आरएसएस के सदस्य एडवोकेट रविंदर गुप्ता द्वारा दायर शिकायत का संज्ञान लिया है। जेएमएफसी ने कहा, "हालांकि, शिकायत का संज्ञान लिया गया है।" न्यायालय ने कहा कि शिकायतकर्ता को समन-पूर्व साक्ष्य (पीएसई) प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता है। यदि बाद में किसी विवादित तथ्य से संबंधित जांच की आवश्यकता होती है तो धारा 202 सीआरपीसी के प्रावधान का सहारा लिया जा सकता है जिसे 27 मार्च 2025 को पीएसई के लिए रखा जाएगा।
शिकायतकर्ता ने अधिवक्ता गगन गांधी के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई। न्यायालय ने कहा कि आरोप यह है कि खड़गे ने एक चुनावी रैली में कुछ भाषण दिया जिसमें भाजपा और आरएसएस के खिलाफ तीखी टिप्पणियां की गईं, इसके अलावा शिकायतकर्ता इसलिए भी व्यथित है क्योंकि वह आरएसएस का सदस्य है।
आरोप है कि खड़गे ने 27 अप्रैल, 2023 को अपने भाषणा में नफरत भरी भाषा का प्रयोग किया था। कर्नाटक के गडग के नारेगल में एक चुनावी रैली को संबोधित करते उन्होंने हुए पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ तीखी टिप्पणी की। ऐसे में शिकायतकर्ता आरएसएस सदस्य होने के नाते खुद को बदनाम महसूस कर रहा है।
Published on:
13 Dec 2024 12:09 pm
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