आरबीआई ने कहा बढ़ रहा साइबर जोखिम
दरअसल, आरबीआई की 25वीं वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) जारी करे के मौके पर आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि क्रिप्टो-एसेट्स इकोसिस्टम के बढ़ते खतरे को राष्ट्रीय अधिकारियों अब देखने और समझने की आवश्यकता है। जैसे जैसे वित्तीय सिस्टम डिजिटल होता जा रहा है वैसे-वैसे साइबर जोखिम भी बढ़ रहा है जिसपर गौर करने की आवश्यकता है।
आरबीआई ने पहले भी उठाए हैं सवाल
इससे पहले भी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े खतरे को लेकर आरबीआई अपनी चिंता जाहिर कर चुका है। साल 2018 में पहली बार आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सर्कुलर जारी कर इसपर बेन लगाने का प्रयास किया था लेकिन साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने सर्कुलर जारी रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने याचिका पर ये फैसला सुनाया था।
दरअसल, आरबीआई की 25वीं वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) जारी करे के मौके पर आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि क्रिप्टो-एसेट्स इकोसिस्टम के बढ़ते खतरे को राष्ट्रीय अधिकारियों अब देखने और समझने की आवश्यकता है। जैसे जैसे वित्तीय सिस्टम डिजिटल होता जा रहा है वैसे-वैसे साइबर जोखिम भी बढ़ रहा है जिसपर गौर करने की आवश्यकता है।
आरबीआई ने पहले भी उठाए हैं सवाल
इससे पहले भी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े खतरे को लेकर आरबीआई अपनी चिंता जाहिर कर चुका है। साल 2018 में पहली बार आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सर्कुलर जारी कर इसपर बेन लगाने का प्रयास किया था लेकिन साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने सर्कुलर जारी रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने याचिका पर ये फैसला सुनाया था।
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इसके अलावा वित्त मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति के सामने भी आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान की बात बता चुका है।बता दें कि केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर पहले ही 30 फीसदी टैक्स लगा चुकी है। हालांकि, इसे अभी भी लीगल तौर पर स्वीकृति नहीं मिली है । एक जुलाई से क्रिप्टो के लेन-देन पर TDS का प्रावधान भी लागू हो गया है।
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