7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

साइक्लोन बिपरजॉय से मानसून पर पड़ा कितना असर, मौसम विभाग ने दिया अपडेट

IMD Monsoon Update : बिपरजॉय चक्रवात ने गुजरात के तट पर दस्तक दे दी है। अब इसका मानसून पर कितना और क्या असर पड़ेगा इसको लेकर मौसम विभाग ने नया अपडेट जारी किया है।

2 min read
Google source verification
cyclone_biparjoy_update_imd_predicts_how_much_was_impact_of_biparjoy_on_monsoon_told.jpg


IMD Monsoon Update : बिपरजॉय चक्रवात का असर देश के कई हिस्सों में देखने को मिला है। जैसा कि मौसम विभाग की ओर से अपडेट दिया गया था। चक्रवात ने गुजरात के तट पर तबाही मचाई। हालांकि अब इसकी गति धीमी होती जा रही है। वहीं बिपरजॉय का असर राजस्थान में भी दिखाई दे रहा है। शनिवार रात से मौसम में बदलाव है। कई हिस्सों में बारिश भी हुई। इस बीच IMD ने नया अपडेट जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि ये तूफान मानसून के लिए मददगार साबित हो सकता है।

यूपी-एमपी के कुछ हिस्सों में बारिश के आसार

जाहिर है कि दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मौसम वैज्ञानिकों ने बताया था कि अरब सागर से उठे चक्रवात बिपारजॉय के कारण उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में रविवार से बारिश के आसार हैं। साथ ही उन्होंने पूर्वी भारत में मानसून को आगे बढ़ाने में बिपारजॉय को मददगार होने की संभावना जताई थी।

इस वजह से मानसून की गति मंद

जाहिर है कि पूर्वी भारत में फिलहाल भीषण गर्मी का दौर जारी है। ऐसे में बंगाल की खाड़ी के ऊपर किसी मौसम प्रणाली की अनुपस्थिति के कारण गत 11 मई से ही मानसून की गति मंद है। IMD के मुताबिक, चक्रवात बिपरजॉय ने दक्षिण-पश्चिम मानसून की गति को प्रभावित किया है। IMD महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि पूर्वी और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में 18 जून से 21 जून तक मानसून के आगे बढ़ने के लिहाज से परिस्थितियां अनुकूल होंगी।

यह भी पढ़े - दिल्ली-NCR समेत आज इन राज्यों में होगी बारिश, जानें देशभर के मौसम का हाल

मानसून को पूर्वी भारत में आगे बढ़ने में करेगी मदद

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, निजी पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने बताया कि 'राजस्थान में भारी वर्षा कराने के बाद यह प्रणाली 20 जून से मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बारिश का कारण बनेगी। यह मानसूनी हवाओं को खींचेगी और मानसून को पूर्वी भारत में आगे बढ़ने में मदद करेगी।'

एक सप्ताह की देरी से मानसून ने दी दस्तक

गौरतलब है कि भारत में इस साल मानसून ने एक सप्ताह की देरी से दस्तक दिया है। यह 8 जून को केरल पहुंचा। हालांकि मौसम विज्ञानी इस देरी और केरल में मानसून के नरम रहने का कारण चक्रवात को बता रहे हैं, लेकिन आईएमडी का मत इससे अलग है। बता दें कि मानसून ने अब तक पूरे पूर्वोत्तर, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, कर्नाटक, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों को अपने चपेट में लिया है।

मानसून को लेकर अलग मत

शोध से पता चलता है कि केरल में मानसून के पहुंचने में देरी का अनिवार्य रूप से यह मतलब नहीं है कि उत्तर-पश्चिम भारत में मानसून के पहुंचने में देरी होगी। हालांकि, केरल में मानसून के देरी से पहुंचने का कम से कम दक्षिणी राज्यों और मुंबई के ऊपर मानसून के छाने में देरी से आमतौर पर संबंध रहा है।

यह भी पढ़े - पिछले 10 सालों में भारत पर कहर बनकर टूटे ये 6 चक्रवात, अब तबाही मचा रहा बिपरजॉय